नई दिल्ली:
10 साल पुरानी पेट्रोल और 15 साल पुरानी डीज़ल गाड़ियों पर नेशनल ग्रीन ट्राइब्यूनल (NGT) द्वारा बैन लगाए जाने के बाद मेरठ रीजनल ट्रांसपोर्ट ऑफिस (RTO) ने ऐसी गाड़ियों के दोबारा रजिस्ट्रेशन पर रोक लगा दी है।
मेरठ RTO ने ये साफ कर दिया है कि जो गाड़ियां बैन के दायरे में आएंगी उनका रजिस्ट्रेशन नहीं किया जाएगा चाहे उनके पास किसी और राज्य का NOC भी क्यों न हो।
इस बैन की वजह से 4,500 डीज़ल गाड़ियां, 600 प्राइवेट गाड़ियां और करीब 4,000 कमर्शियल गाड़ियां प्रभावित होंगी। इनमें कई टैक्सी और हेवी व्हीकल भी शामिल हैं।
NGT के आदेश का पालन करते हुए RTO ने ये फैसला लिया है लेकिन इस फैसले को लागू करने से पहले लोगों को इसकी जानकारी दी जाएगी और उन्हें जागरुक भी किया जाएगा। हालांकि संबंधित अधिकारियों का ये भी मानना है कि री-रजिस्ट्रेशन पर बैन लगाना ज्यादा कारगर साबित हो सकता है, क्योंकि वैसी गाड़ियों को चेक करना थोड़ा मुश्किल है।
मेरठ RTO ने ये साफ कर दिया है कि जो गाड़ियां बैन के दायरे में आएंगी उनका रजिस्ट्रेशन नहीं किया जाएगा चाहे उनके पास किसी और राज्य का NOC भी क्यों न हो।
इस बैन की वजह से 4,500 डीज़ल गाड़ियां, 600 प्राइवेट गाड़ियां और करीब 4,000 कमर्शियल गाड़ियां प्रभावित होंगी। इनमें कई टैक्सी और हेवी व्हीकल भी शामिल हैं।
NGT के आदेश का पालन करते हुए RTO ने ये फैसला लिया है लेकिन इस फैसले को लागू करने से पहले लोगों को इसकी जानकारी दी जाएगी और उन्हें जागरुक भी किया जाएगा। हालांकि संबंधित अधिकारियों का ये भी मानना है कि री-रजिस्ट्रेशन पर बैन लगाना ज्यादा कारगर साबित हो सकता है, क्योंकि वैसी गाड़ियों को चेक करना थोड़ा मुश्किल है।
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