सुशील बहुगुणा
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धराली में तबाही से पहले और बाद की सेटेलाइट तस्वीरें आई सामने, देखिए कुदरत के कहर के बाद अब कैसा है मंजर
सेटेलाइट से ली गई ये दोनों तस्वीरें अलग-अलग समय की हैं. पहली तस्वीर 13 जून 2024 की है जबकि दूसरी तस्वीर हादसे के ठीक बाद यानी 7 अगस्त 2025 की है.
- अगस्त 07, 2025 14:39 pm IST
- Reported by: सुशील बहुगुणा, Edited by: समरजीत सिंह
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Explainer : धराली में बादल फटा या कुछ और... तीन थ्योरी से समझिए असली वजह
Uttarakhand Cloudburst News : खीरगंगा गाड़ के रास्ते पर अगर और ऊपर बढ़ेंगे तो आप स्नोलाइन और उससे ऊपर बर्फ से आच्छादित इलाके में पहुंच जाएंगे. यहां सर्क ग्लेशियर हैं जिन्हें हैंगिंग ग्लेशियर या लटकते हुए ग्लेशियर कहा जाता है. ग्लेशियर जब पिघलते पिघलते पीछे की ओर जाते हैं तो पर्वतों की चोटियों तक सीमित रह जाते हैं.
- अगस्त 06, 2025 21:47 pm IST
- Reported by: सुशील बहुगुणा, Edited by: आलोक कुमार ठाकुर
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धराली में जमीन में क्यों समा गए थे कल्प केदार? मंदिर में छिपी है धराली सैलाब की कहानी
धराली का कल्प केदार मंदिर न सिर्फ प्राचीन वास्तुकला बल्कि इलाके में पहले आई भीषण महाआपदा का भी सबूत है. जमीन को 12 फुट खोदकर इस मंदिर का आधा हिस्सा निकाला गया था, आधा हिस्सा अब भी जमीन के नीचे है.
- अगस्त 06, 2025 07:40 am IST
- Reported by: सुशील बहुगुणा, Written by: मनोज शर्मा
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क्या भारत के हितों से हुआ समझौता? पीएम मोदी ने बताया सिंधु नदी पर बांध का डिजाइन पाकिस्तान के दबाव में बना
चिनाब नदी पर सलाल बांध को रन ऑफ द रिवर प्रोजेक्ट बनाना पड़ा, क्योंकि इसे बनाते वक़्त भी पाकिस्तान ने काफ़ी ऐतराज़ किया था जैसा बाद में उसने बगलिहार बांध को लेकर भी किया. सलाल बांध को दरअसल पहले स्टोरेज डैम के तौर पर बनाने की योजना थी, ताकि उससे बिजली उत्पादन की क्षमता ज़्यादा हो जाए. लेकिन पाकिस्तान और वर्ल्ड बैंक के आग्रह पर इसे रन ऑफ द रिवर डैम बनाने का फ़ैसला किया गया.
- जुलाई 30, 2025 09:39 am IST
- Reported by: सुशील बहुगुणा, Edited by: पीयूष जयजान
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संसद में PM मोदी ने कहा- सिंधु नदी पर बांध का डिजाइन PAK के दबाव में बनाया, समझें क्या भारत के हित में नहीं था
सलाल बांध को पहले स्टोरेज डैम के तौर पर बनाने की योजना थी, लेकिन पाकिस्तान और वर्ल्ड बैंक के आग्रह पर इसे रन ऑफ द रिवर डैम बनाने का फैसला किया गया. पाकिस्तान को डर था कि स्टोरेज डैम बना तो भारत झड़प की स्थिति में पानी छोड़कर बाढ़ ला सकता है.
- जुलाई 30, 2025 00:07 am IST
- Reported by: सुशील बहुगुणा, Edited by: अभिषेक पारीक
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Henley passport index में कितने पायदान चढ़ा भारत का पासपोर्ट? जानें
बीस साल पहले हेनली पासपोर्ट इंडेक्स के विचार को शुरू करने वाले डॉ. क्रिश्चियन एच कायलिन के मुताबिक इंडेक्स के टॉप पर कुछ देशों का लगातार टिके रहना ये बताता है कि ऐसी पहुंच कोशिशों से हासिल की जाती है और उसे सक्रिय और सामरिक कूटनीति से बनाए रखा जाना चाहिए.
- जुलाई 24, 2025 01:23 am IST
- Reported by: सुशील बहुगुणा
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अपाचे कॉम्बैट हेलीकॉप्टर बढ़ाएगा सेना की ताकत, मिग 21 फाइटर की बनी रहेगी यादगार विरासत
अमेरिका की एयरोस्पेस कंपनी बोइंग ने सेना को पहले तीन अपाचे हेलीकॉप्टर सौंप दिए हैं. गाजियाबाद में एयरफोर्स स्टेशन हिंडन में ये हेलीकॉप्टर भारतीय थलसेना के तरकश में शामिल हुए. 2017 में हथियारों से लैस ऐसे छह अपाचे AH-64E हेलीकॉप्टरों की ख़रीद का सौदा 4,168 करोड़ रुपए में हुआ था. इसके तहत तीन अपाचे आ चुके हैं और तीन इस साल के अंत तक आ जाएंगे.
- जुलाई 23, 2025 03:27 am IST
- Reported by: सुशील बहुगुणा
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Explainer: 2006 के मुंबई ट्रेन धमाकों में किसी को सज़ा क्यों नहीं? अपराधों में कनविक्शन रेट इतना कम क्यों है?
इतने बड़े मामले में आरोपियों का बरी हो जाना महाराष्ट्र एटीएस की जांच प्रक्रिया पर गंभीर सवाल खड़े करता है और ये सिर्फ़ महाराष्ट्र के साथ ही नहीं है कि कनविक्शन रेट यानी अपराधियों को सज़ा दिलाने की दर कम हो. अधिकतर राज्यों में और केंद्र में भी जांच एजेंसियों का कनविक्शन रेट लगातार सवालों के घेरे में रहा है.
- जुलाई 22, 2025 04:43 am IST
- Reported by: सुशील बहुगुणा
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NDTV Explainer: चीन की आंखों के सामने 'आकाश PRIME' ने दिखाई आत्मनिर्भर भारत की नई ताकत
ऑपरेशन सिंदूर ने भविष्य के युद्धों में स्वदेश में विकसित आधुनिकतम टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल की जरूरत को काफी गंभीरता से साबित किया है. रक्षा के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता के लिए भारत की कोशिशें काफी पहले से चल रही हैं, लेकिन बीते कुछ दशक में ये काफी तेज हुई हैं.
- जुलाई 18, 2025 04:57 am IST
- Reported by: सुशील बहुगुणा, Edited by: अभिषेक पारीक
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NDTV Explainer: तीन लोगों के डीएनए से बच्चों का जन्म! एक वंशानुगत बीमारी दूर करने पर मिली जीत
ब्रिटेन की न्यूकैसल यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स ने ऐसी तकनीक का विकास किया है, जिससे बच्चों को पैदा होने से पहले ही एक ऐसी बीमारी से बचाया जा सका जिसे माइट्रोकोंड्रियल डिजीज कहते हैं.
- जुलाई 18, 2025 04:36 am IST
- Reported by: सुशील बहुगुणा, Edited by: अभिषेक पारीक
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Explainer: Stray Dogs को लेकर SC में क्या हुई सुनवाई, इंसानों की लापरवाही का खमियाजा कुत्ते क्यों भरें?
याचिकाकर्ता के वकील ने दावा किया कि वो नियमों का पालन कर रहे हैं और नगर निकाय ग्रेटर नोएडा में तो लावारिस कुत्तों के खाने के लिए फीडिंग प्वॉइंट बना रहा है लेकिन नोएडा में ऐसा नहीं किया जा रहा. उन्होंने कहा कि कुत्तों को खाना खिलाने के लिए ऐसी जगहें चुनी जा सकती हैं जहां लोग ज़्यादा आते जाते न हों.
- जुलाई 16, 2025 02:48 am IST
- Reported by: सुशील बहुगुणा
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EXPLAINER: शुभांशु शुक्ला ने स्पेस में किए कितने प्रयोग और क्या काम आएंगे ये एक्सपेरिमेंट, जानें
इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में शुभांशु शुक्ला ने मूंग और मेथी के बीज भी उगाए हैं. इस दौरान माइक्रोग्रैविटी में बीजों के अंकुरण की प्रक्रिया का अध्ययन किया गया है. इसके आधार पर ये देखा जा रहा है कि इन्हें कैसे भविष्य की ज़रूरतों के लिए अंतरिक्ष में उगाया जा सकेगा. इन बीजों से उगे पौधों को धरती पर भी कई चक्रों में आगे उगाया जाएगा.
- जुलाई 16, 2025 02:25 am IST
- Reported by: सुशील बहुगुणा
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अंतरिक्ष से कुछ ऐसे हो रही है शुभांशु शुक्ला की वापसी, जानें सारा प्रॉसेस
भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला समेत उनकी टीम के चारों अंतरिक्षयात्री 18 दिन अंतरिक्ष में गुजारने के बाद अब धरती पर वापस आ रहे हैं.
- जुलाई 14, 2025 18:44 pm IST
- Reported by: सुशील बहुगुणा, Edited by: रिचा बाजपेयी
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Explainer: International Space Station से कैसे धरती पर लौटेंगे शुभांशु शुक्ला? जानें
धरती पर वापसी से पहले, ड्रैगन कैप्सूल को ISS से अलग किया जाएगा. ये प्रक्रिया कुछ मिनटों की होती है. हालांकि इसे लेकर तैयारी काफी पहले से होती है और कई लेवल पर होती है. इसे ऐसे समझिए कि धरती से अंतरिक्ष में जाने के लिए जो प्रिपेरेशंस होती है वही स्पेस स्टेशन से वापस आने के लिए करनी पड़ती है.
- जुलाई 14, 2025 17:49 pm IST
- Edited by: सुशील बहुगुणा
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Explainer : दिल्ली-NCR में बार-बार क्यों हिल रही है धरती, जानिए भूकंप से जुड़ी बड़ी बातें
Delhi-NCR earthquake : दिल्ली के साथ दूसरी चिंता की बात ये है कि हिमालयी इलाके जहां बहुत बड़े भूकंप आते हैं वो भी दिल्ली से बहुत दूर नहीं हैं. ख़ासतौर पर सेंट्रल हिमालय जहां 8 या उससे अधिक की तीव्रता का भूकंप कभी भी आ सकता है. दिल्ली और पूरे उत्तर भारत को इसके लिए तैयार रहना चाहिए.
- जुलाई 10, 2025 20:57 pm IST
- Reported by: सुशील बहुगुणा, Edited by: आलोक कुमार ठाकुर