Hosabale Statement On Constitution: आरएसएस के सर कार्यवाह दत्तात्रेय होसबले ने एक बार फिर उस बहस को छेड़ दिया है जिस पर पहले भी कम चर्चा नहीं हुई... उन्होंने कहा है कि संविधान की प्रस्तावना से समाजवादी और पंथ-निरपेक्ष शब्दों को हटाने पर चर्चा होनी चाहिए... इन दो शब्दों का मतलब क्या है, इन पर इतना हंगामा क्यों है और ये किन परिस्थितियों में संविधान की प्रस्तावना में शामिल किए गए ये जानना ज़रूरी है...