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ब्लॉग राइटर
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जब मैं कलाम से अवार्ड लेते-लेते रह गई थी : स्वाति अर्जुन
कल रात जब रात नौ बजे किसी दोस्त से बातें कर रहीं थी तो उसने रोकते हुए कहा, रुक जाओ बड़ी बुरी ख़बर आ रही है। डॉ कलाम नहीं रहे....आंखें तभी से नम हैं, आंसु गाहे-बगाहे पलकों की यात्रा कर.....लौट जा रहे हैं...