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ब्लॉग राइटर
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शाहनवाज हुसैन की कलम से : मेरे नेता अटल...
अटल जी से मेरी पहली और निजी मुलाकात 1987 में हुई थी. तब से तकरीबन 30 सालों में उनसे जुड़ी मेरी तमाम यादें इस वक्त मेरी आंखों के सामने तैर रही हैं. अटल जी का जाना न सिर्फ देश के लिए बल्कि मेरी निजी जिंदगी के लिए भी बहुत बड़ी क्षति है. निकट भविष्य में उनके जैसा महान नेता, उनके जैसा बेहतरीन कवि, लेखक और वक्ता मिलना बेहद मुश्किल है. वो अच्छे नेता थे, अच्छे इंसान थे और मेरे लिए सबसे अच्छे अभिभावक.
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- अगस्त 17, 2018 12:35 pm IST