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  • अगर यह चेतना ईश्वर है तो यही ज्ञात होता है कि ईश्वर भी सर्वव्यापी है. वह फूलों, पेड़ों, जानवरों, नदियों, हवाओं, बादलों की गर्जन में, चिड़ियों के गीतों में, बहार में, मोर के नृत्य में, हम सभी में है. हम सभी परस्पर हैं.

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