कर्नाटक विधानसभा चुनाव में बीजेपी की जीत सुनिश्चित करने के इरादे से प्रचार में जुटे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को पहले चुनावी सभा का आगाज बांगरपेट से किया. बागंरपेट में चुनावी सभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि ये चुनाव कौन एमएलए बने, कौन न बने, कौन सी पार्टी जीते, कौन न जीते, किसकी सरकार बने, किसकी न बने, यह चुनाव सिर्फ सीमित हेतू के लिए नहीं है. यह चुनाव 5 साल बाद कर्नाटक का भविष्य कैसा होगा, नौजवान का भविष्य कैसा होगा, इसका फैसला करने का चुनाव है.
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उन्होंने कहा कि आज पूरा देश कांग्रेस को, कांग्रेस के कल्चर को, उसके कारनामों को, उसके नेताओं को, उसकी नियत को भलिभांति पहचान गया है. जैसे-जैसे लोगों को कांग्रेस के कारनामों का पता चलता है, वैसे वैसे लोग कांग्रेस की विदाई कर रहे हैं. बैंड-बाजे के साथ कांग्रेस की सभी जगहों से विदाई हो रही है. गोवा, मध्य प्रदेश, हिमाचल, उत्तर प्रदेश, असम सभी जगहों पर से कांग्रेस को हार की मुंह देखनी पड़ी. अब आप बताइये, कांग्रेस का कर्नाटक में क्या होगा.
कांग्रेस के छह C ने बर्बाद किया
पीएम ने कहा कि कांग्रेस के वंशवाद और परिवारवाद पर इतनी नाराजगी क्यों है? यह हमारा कर्नाटक प्रदेश, हिंदुस्तान की आन-बान-शान है. यह मामूल प्रदेश नहीं है. यहां के शहरों की सारे दुनिया में चर्चा है. लेकिन कांग्रेस ने पांच साल के अंदर कर्नाटक की इज्जत को मिट्टी में मिला दिया. लोकतंत्र को तबाह कर दिया. पीएम ने कहा कि कांग्रेस छह बीमारियों से पीड़ित है, यह जहां जाती है, वहां यह फैला देती है. लोकतंत्र की भावना को, संविधान की मूल भावना को कांग्रेस की ये चीजें नोच रही हैं. ये हैं कांग्रेस कल्चर (संस्कृिति), कॉम्यूनिलिज्म (सांप्रदायिकता) , कास्टिजम (जातिवाद), क्राइम (अपराध), करप्शन (भ्रष्टाचार), कॉन्ट्रेक्ट (ठेकेदारी). ये 6 सी (C) कर्नाटक के भविष्य को बर्बाद कर रहे हैं.
नामदार को हटाएं, कामदार को लाएं
कांग्रेस को जब सरकार में आने का मौका मिलता है, तो कांग्रेस यह मानकर चलती है कि देश की जनता ने उन्हें करप्शन करने का, बेईमानी, भाई-भतीजावाद, सारे बुरे काम करने का ठेका दिया है. यही कांग्रेस की सोच है. अलग-अलग राज्यों में इनके दरबारी बैठे हुए हैं, इनका काम है दिल्ली के नामदारों के सामने वफादारी निभाना. नामदार के वफादार लोगों सत्ता से हटाना पड़ेगा और कर्नाटक की कामदार वफादार लोगों को लाना पड़ेगा.
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मनमोहन सिंह का रिमोट मैडम के पास था
उन्होंने कहा कि इन्हें नामदारों का विकास करने में इंट्रेस्ट है, कामदारों का विकास करने में नहीं. दिल्ली में दस साल मनमोहन सिंह जी प्रधानमंत्री थे, मगर रिमोट कंट्रोल 10 जनपथ में मैडम के पास था. चार साल से दिल्ली में आपने मोदी की सरकार बनाई है, भाजपा की सरकार बनाई है, हमारा भी रिमोट कंट्रोल सवा सौ करोड़ हिंदुस्तानी हैं. यही मेरे हाई कमान हैं. यह जो कहेगा, मैं वही करूंगा. हाई कमान कहेगा कि मोदी बैठ जाओ, तो बैठ जाऊंगा, खड़े हो जाओ, तो खड़ा हो जाऊंगा. क्योंकि लोकतंत्र में हाईकमान जनता जनार्दन होती है.
पीएम ने कहा कि जहां कांग्रेस की सरकार बनाती है, वहां बुराइयां फलती-फुलती हैं. मगर जहां भाजपा को मौका मिलता है, वहां विकास होता है, अच्छाईयों का अवसर बढ़ता है. ये लोग सोने का चम्मच लिए पैदा हुए नामदार हैं. जो सोने का चम्मच लेकर पैदा हुए हैं, गरीबी क्या होती है, वह देखने के लिए गरीबों के घर कैमरा लेकर जाते हैं. वह क्या जानेंगे गरीबों की परेशानी. गरीबों को टॉयलेट न रहने पर कैसे परेशानी होती है, यह 70 साल से वह नहीं समझ पाएं. गरीबों का टॉयलेट बनाने के लिए मोदी दिन रात काम करता है.
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उन्होंने कहा कि दिल्ली में एसी में बैठने वालों को गरीबों की बात समझ में नहीं आती. जिस गांव में पानी कि किल्लत होती है, और गांव में पता चलता है कि मंगलवार को दोपहर तीन बजे पानी का टैंकर आने वाला है तो गांव के लोग सुबह से ही टैंकर के खड़े जगह होने की जगह पर अपनी बाल्टी रख देते हैं. और बाल्टी रखकर वह अपने काम पर चला जाता है और टैंकर के आने पर बाल्टी बारी-बारी से भरता है. लेकिन गांव में एक सिरफिरा होता है, जो कानून और नियमों को नहीं मानता है और वह तीन बजे पहुंच जाता है और बाकियों की बाल्टियों को दूर कर पहले अपना बाल्टी भर लेता है और टैंकर का पानी सबसे पहले खुद ले लेता है. पीएम ने आगे कहा कि कल कर्नाटक में, हिंदुस्तान की राजनीति में ऐसा ही हुआ. उसने ऐसा ही किया. उसने पहले आकर अपनी बाल्टी रख दी और कहा कि मैं प्रधानमंत्री बन जाऊंगा. आप मुझे बताइये इस प्रकार से स्वंय को प्रधानमंत्री घोषित कर देना यह अहंकार सातवें आसमान पर पहुंचा है, इसका सबूत है या नहीं? मैं आपसे पूछता हूं कि यह नामदार का अहंकार सातवें आसमान पर पहूंचा है या नहीं? ये अहंकारी नामदार का पीएम का उम्मीदवार घोषित करना, यह कांग्रेस की आंतरिक लोकशाही की पोल खोल देता है या नहीं? इतना ही नहीं, मोदी हटाने के लिए गठबंधन करने के लिए मीटिंग चल रही है, बड़े दिग्गजों के पैर पकड़े जा रहे हैं, सबको अनदेखा कर पीएम कैंडिडेट घोषित कर देना यह कितना बड़ा अविश्वास है.
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कांग्रेस 400 से 40 पर आ गई
पीएम ने कहा कि जिस नामदार को गठबंधन के साथी पर भरोसा न हो, सीनियर नेताओँ की तवज्जो न हो, जिस नामदार को कांग्रेस के आंतरिक लोकतंत्र से लेना देना न हो, जो खुलेआम अपनी मर्जी से पीएम कैंडिडेट घोषित कर दे, क्या अपरिपक्व नामदार को जनता माफ करेगी. किसी जमान में पंचायत से लेकर संसद तक कांग्रेस का झंडा लहराता था, मगर आपके कारनामे के कारण 400 से 40 पर आ गये. कांग्रेस वाले जनता के जनादेश को स्वीकार करने को तैयार नहीं है. आप (कांग्रेस) लोकतंत्र की धज्जियां उड़ाते हो, संसद को चलने नहीं देते हो.
कांग्रेस दिल वाली नहीं, डील वाली है
उन्होंने कहा कि यह अहंकारी कांग्रेस, न ये कांग्रेस दिलवाली है, न ये दलितों वाली है. यह कांग्रेस तो डील वाली है. यही कांग्रेस का कारनामा है. यह डील वाली बात डंके की चोट पर यहीं के सांसद ने कही है. जब कांग्रेस में टिकट बांटे या बेचे जा रहे थे, तब उस वक्त वीरप्पा मोइली का दर्द छलक उठा था, और उन्होंने सोशल मीडिया में लिखा था कि कांग्रेस को पैसों की समस्या सुलझानी होगी.
मोदी ने कहा कि ये वीरप्पा मोइली कांग्रेस के छोटे-मोटे नेता नहीं हैं और दिल्ली दरबार के प्रमुख नामदार हैं. यह ऐसे दरबारी हैं, जो सामान्य स्थिति में मुंह नहीं खोलते. अब कांग्रेस पार्टी उन्हें किनारे करने में लगी थी. यहां की जनता जानती है कि कांग्रेस के दिग्गज नेताओं का यहां क्या हुआ. जब मोइली जी को लगा कि अब उनकी बारी है तो उन्होंने थोड़ा सा राज खोल दिया, उसके बाद दिल्ली दरबार उन्हें मनाने में जुट गया और फिर बड़ा डील हुआ और उन्हें महाकाव्य लिखने को कह दिया गया. इस महाकाव्य में पहले जो सब बोलते थे, उसे लिखना भूल गये, मगर यहां की जनता इस काले कारनामे को भूलने वाली नहीं है.
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कर्नाटक के किसानों का हक मारने वाली कांग्रेस
उन्होंने कहा कि सालों तक ठेकों का कैसा-कैसा खेल चला, नोटबंदी के समय कांग्रेस के नेताओं, मंत्रियों के घरों से बेनामी संपत्ति भी मिली. हाल ही में ठेकेदारों के घऱों पर छापेमारी हुई, उसमें क्या-क्या निकला, यह आपने देखा है. ये बेनामी संपत्ति, कालाधन, ये लूट के गहने, जेवरात यह किसके थे. यह यहां के किसानों के हक के थे, यहां के लोगों के हक के थे, जिन्हें घर मिलना था, यहां के लोगों के थे, जो भूखे रह रहे हैं.
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बता दें कि कर्नाटक विधानसभा चुनाव के प्रचार का बिगुल थमने में बस एक दिन बाकी है, इससे पहले भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस जनता को लुभाने की कोई भी कोशिश जाया नहीं जाने दे रहे हैं. भारतीय जनता पार्टी के लिए पीएम मोदी ताबड़तोड़ रैली कर भाजपा के पक्ष में हवा बनाने की कोशिश कर रहे हैं, तो वहीं राहुल गांधी भी सत्ता बचाने के लिए जोर आजमाइश लगा रहे है. चुनावी सभा अब अपने अंतिम पड़ाव में है, इसलिए पीएम मोदी की कर्नाटक में आज एक नहीं, बल्कि चार रैलियां हैं, वहीं राहुल गांधी की भी दो रैलियां है. यह अभी पीएम मोदी की आज की पहली रैली है.
गौरतलब है कि कर्नाटक में 12 मई को विधानसभा चुनाव के लिए मतदान होना है और नतीजे 15 मई को आएंगे. इस चुनाव में कांग्रेस की ओर से जहां मौजूदा मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ही CM कैंडिडेट हैं, वहीं भारतीय जनता पार्टी की ओर से बीएस येदियुरप्पा मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार हैं.
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