कम्प्यूटर बाबा (फाइल फोटो).
भोपाल:
मध्यप्रदेश सरकार में कुछ दिनों पहले तक मंत्री की कुर्सी संभालने वाले कंप्यूटर बाबा सरकार के ख़िलाफ मन की बात करने लगे हैं. इसी साल मध्यप्रदेश सरकार ने पांच संतों को राज्यमंत्री का दर्जा देकर नई बहस की शुरुआत की थी. तब इसे मध्यप्रदेश बीजेपी और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का एक महत्वाकांक्षी कदम माना जा रहा था, लेकिन अब इन्हीं में से एक संत की नाराजगी ने प्रदेश में विधानसभा चुनाव से ऐन पहले सरकार के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी हैं.
मध्यप्रदेश की बीजेपी सरकार की कार्यप्रणाली से नाराज कंप्यूटर बाबा ने पिछले दिनों ही राज्यमंत्री के दर्जे से इस्तीफा दिया था और अब वह सीएम को खुली चुनौती दे रहे हैं. इंदौर में संत समागम में कंप्यूटर बाबा ने कहा शिवराज सरकार से संत समाज बेहद दुखी है. इन्होंने 15 साल तक कुछ नहीं किया अब गौ मंत्रालय बना रहे हैं. 15 साल याद नहीं आई आचार संहिता लगने से ठीक पहले ऐलान कर दिया.
कंप्यूटर बाबा नर्मदा की तो दूसरे संत व्यापम तक पर शिवराज को घेर रहे हैं. समागम में शामिल आचार्य दीपेन्द्रानंद महाराज ने कहा पहले सरकार ने हमारे कपड़ों के नाम पर वोट बटोर लिए लेकिन हमारे लिए किया कुछ नहीं. हमारे प्रदेश में भोपाल एक जगह है, वहां एक बंगला है, जहां नोट गिनने की मशीन है. व्यापम घोटाले में 2000 लोग अंदर हैं. जो अंदर हैं वे पीड़ित हैं. लेकिन जो अपराधी नेता हैं, वे खुले घूम रहे हैं, वीवीआईपी प्रोटोकॉल ले रहे हैं.
इस महीने की शुरुआत में ही मध्यप्रदेश के दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री संत नामदेव त्यागी उर्फ कंप्यूटर बाबा ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह पर उपेक्षा का आरोप लगाते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. बीजेपी कह रही है, सारा मामला चुनावी है. कांग्रेस को लगता है सरकार सबका इस्तेमाल करती है.
यह भी पढ़ें : सीएम शिवराज पर 'गंभीर आरोप' लगाकर कंप्यूटर बाबा ने राज्यमंत्री का पद छोड़ा
बीजेपी प्रवक्ता दीपक विजयवर्गीय ने कहा चुनाव के समय बहुत सारे राजनीतिक हित होते हैं, आकाक्षाएं होती हैं इनके बीच में कोई व्यक्ति कैसे विचार कर रहा है इस संबध में टिप्पणी नहीं कर सकते. जनता उन सारी चीजों को समझ रही है. वहीं कांग्रेस प्रवक्ता शोभा ओझा ने कहा साधु संत इनका असली चेहरा देख चुके हैं. उनको मंत्री बनाया ताकि अपनी आवाज इनके खिलाफ बुलंद न करें, लेकिन वे शिवराज का असली चेहरा देख चुके हैं. वे उनका चेहरा जनता के बीच ले जाने का प्रण कर चुके हैं.
VIDEO : कम्प्यूटर बाबा ने शिवराज से मांगा टिकट
कंप्यूटर बाबा 23 अक्टूबर को इंदौर, 30 अक्टूबर को ग्वालियर और 4 नवंबर को खंडवा में और कुछ और स्थानों पर संतों के समागम में अपने मन की बात करेंगे.
मध्यप्रदेश की बीजेपी सरकार की कार्यप्रणाली से नाराज कंप्यूटर बाबा ने पिछले दिनों ही राज्यमंत्री के दर्जे से इस्तीफा दिया था और अब वह सीएम को खुली चुनौती दे रहे हैं. इंदौर में संत समागम में कंप्यूटर बाबा ने कहा शिवराज सरकार से संत समाज बेहद दुखी है. इन्होंने 15 साल तक कुछ नहीं किया अब गौ मंत्रालय बना रहे हैं. 15 साल याद नहीं आई आचार संहिता लगने से ठीक पहले ऐलान कर दिया.
कंप्यूटर बाबा नर्मदा की तो दूसरे संत व्यापम तक पर शिवराज को घेर रहे हैं. समागम में शामिल आचार्य दीपेन्द्रानंद महाराज ने कहा पहले सरकार ने हमारे कपड़ों के नाम पर वोट बटोर लिए लेकिन हमारे लिए किया कुछ नहीं. हमारे प्रदेश में भोपाल एक जगह है, वहां एक बंगला है, जहां नोट गिनने की मशीन है. व्यापम घोटाले में 2000 लोग अंदर हैं. जो अंदर हैं वे पीड़ित हैं. लेकिन जो अपराधी नेता हैं, वे खुले घूम रहे हैं, वीवीआईपी प्रोटोकॉल ले रहे हैं.
इस महीने की शुरुआत में ही मध्यप्रदेश के दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री संत नामदेव त्यागी उर्फ कंप्यूटर बाबा ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह पर उपेक्षा का आरोप लगाते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. बीजेपी कह रही है, सारा मामला चुनावी है. कांग्रेस को लगता है सरकार सबका इस्तेमाल करती है.
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बीजेपी प्रवक्ता दीपक विजयवर्गीय ने कहा चुनाव के समय बहुत सारे राजनीतिक हित होते हैं, आकाक्षाएं होती हैं इनके बीच में कोई व्यक्ति कैसे विचार कर रहा है इस संबध में टिप्पणी नहीं कर सकते. जनता उन सारी चीजों को समझ रही है. वहीं कांग्रेस प्रवक्ता शोभा ओझा ने कहा साधु संत इनका असली चेहरा देख चुके हैं. उनको मंत्री बनाया ताकि अपनी आवाज इनके खिलाफ बुलंद न करें, लेकिन वे शिवराज का असली चेहरा देख चुके हैं. वे उनका चेहरा जनता के बीच ले जाने का प्रण कर चुके हैं.
VIDEO : कम्प्यूटर बाबा ने शिवराज से मांगा टिकट
कंप्यूटर बाबा 23 अक्टूबर को इंदौर, 30 अक्टूबर को ग्वालियर और 4 नवंबर को खंडवा में और कुछ और स्थानों पर संतों के समागम में अपने मन की बात करेंगे.
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