अखिलेश यादव (फाइल फोटो)
पन्ना:
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने अयोध्या में राम मंदिर मामले में जानमाल के भारी नुकसान की आशंका जताई है. मध्य प्रदेश के पन्ना में अपनी पार्टी के लिए चुनाव प्रचार करने पहुंचे अखिलेश ने कहा कि भाजपा किसी भी हद तक जा सकती है. उन्होंने मांग की कि सुप्रीम कोर्ट को अयोध्या में फौज लगाकर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने के निर्देश देने चाहिए. अखिलेश ने कहा कि भाजपा को न तो संविधान पर भरोसा है और न सुप्रीम कोर्ट पर. उन्होंने कहा कि अगर अयोध्या में फौज लगाने की भी जरूरत पड़े तो वो भी लगाई जाए लेकिन सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जाएं. सपा प्रमुख ने कहा कि भाजपा को सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करना चाहिए. राम मंदिर पर अध्यादेश लाने की बात पर अखिलेश ने कहा कि राम मंदिर पर फैसला सुप्रीम कोर्ट से ही होना चाहिए.
पिछले कुछ समय से राम मंदिर का मुद्दा जबरदस्त रूप से सुर्खियों में है. शिवसेना के कार्यकर्ता अयोध्या पहुंच चुके हैं और 25 नवंबर को उद्धव ठाकरे भी पहुंच रहे हैं. शुक्रवार को ही शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि जब 17 मिनट में बाबरी मस्जिद गिराई जा सकती है तो कानून बनाने में कितना समय लगता है.
गौरतलब है कि 29 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई अगले वर्ष जनवरी तक के लिए टल गई थी. उसके बाद यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि न्याय में देरी से लोगों को निराशा होती है. वहीं बीजेपी महासचिव राम माधव ने कहा था कि यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है कि राम मंदिर मामले में सुप्रीम कोर्ट से देरी है रही है. माधव संघ के उस बयान का बचाव कर रहे थे जिसमें संघ ने कहा था कि राम मंदिर निर्माण के लिए फिर 1992 जैसा आंदोलन किया जाएगा. वहीं बीजेपी सांसद राकेश सिन्हा संसद में इस मामले पर बिल लाने की बात कह चुके हैं.
VIDEO: अयोध्या केस में 1994 का फ़ैसला बड़ी बेंच को नहीं
BJP does not believe in either SC or constitution. BJP can go to any extent. The kind of environment there is in UP, especially in Ayodhya, the Supreme Court should take notice of it and bring army if necessary: Former UP CM Akhilesh Yadav #RamTemple pic.twitter.com/dil0rtYHVA
— ANI (@ANI) November 23, 2018
पिछले कुछ समय से राम मंदिर का मुद्दा जबरदस्त रूप से सुर्खियों में है. शिवसेना के कार्यकर्ता अयोध्या पहुंच चुके हैं और 25 नवंबर को उद्धव ठाकरे भी पहुंच रहे हैं. शुक्रवार को ही शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि जब 17 मिनट में बाबरी मस्जिद गिराई जा सकती है तो कानून बनाने में कितना समय लगता है.
गौरतलब है कि 29 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई अगले वर्ष जनवरी तक के लिए टल गई थी. उसके बाद यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि न्याय में देरी से लोगों को निराशा होती है. वहीं बीजेपी महासचिव राम माधव ने कहा था कि यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है कि राम मंदिर मामले में सुप्रीम कोर्ट से देरी है रही है. माधव संघ के उस बयान का बचाव कर रहे थे जिसमें संघ ने कहा था कि राम मंदिर निर्माण के लिए फिर 1992 जैसा आंदोलन किया जाएगा. वहीं बीजेपी सांसद राकेश सिन्हा संसद में इस मामले पर बिल लाने की बात कह चुके हैं.
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