फाइल फोटो
कोलकाता:
पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के लिए गुरुवार को छठे एवं आखिरी चरण के मतदान में भी वोटरों ने जमकर उत्साह दिखाया। चुनाव आयोग के मुताबिक अंतिम चरण में 84.24 फीसदी वोटरों ने अपने अधिकार का इस्तेमाल किया।
गुरुवार को 25 सीटों पर वोट डाले गए। इन जिलों में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे और यहां चप्पे-चप्पे पर सुरक्षाकर्मी तैनात थे।
छठे चरण में 170 उम्मीदवार मैदान में
अंतिम चरण के चुनाव के लिए 18 महिलाओं समेत कुल 170 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं। कड़े सुरक्षा इंतजाम करते हुए चुनावी पैनल ने केंद्रीय बलों की 361 कंपनियां तैनात की थीं, जिन्हें राज्य पुलिसबल के 12 हजार जवानों की मदद मिल रही है। कुल मतदाताओं में से 27.8 लाख महिलाएं हैं। 68 मतदाता तीसरे लिंग वाली श्रेणी में भी हैं।
आजादी के बाद पहली बार कूच बिहार के लोगों ने डाले वोट
आजादी के बाद, यह पहली बार है, जब कूच बिहार जिले में सीमावर्ती बस्तियों के निवासी अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया। ऐसा पिछले साल इन बस्तियों के भारतीय क्षेत्र में विलय के बाद संभव हुआ। इन बस्तियों में 9776 मतदाता हैं, जिनके लिए विशेष इंतजाम किए गए और जागरूकता कार्यक्रम चलाए गए।
उम्र 103 साल, लेकिन पहली बार डाला वोट
इस बार मध्य मशालदंगा के 103 वर्षीय असगर अली ने जिंदगी में पहली बार मतदान किया वहीं पूर्वी मिदनापुर में जिला प्रशासन ने विकलांग लोगों के लिए चुनावों को सुगम बनाने के लिए विशेष इंतजाम किए। दोनों जिलों में 714 संवेदनशील गांवों और 1685 संवेदनशील मतदाताओं की पहचान की गई थी।
कई दिग्गजों की भी किस्मत दांव पर
पूर्वी मिदनापुर की सभी 16 सीटें जीतने वाली तृणमूल कांग्रेस ने इस बार तामलुक के सांसद सुवेंदू अधिकारी को नंदीग्राम से उतारा है। उन्हें कांग्रेस-वाम गठबंधन के सहयोग से माकपा की टिकट पर खड़े अब्दुल कबीर शेख के खिलाफ उतारा गया है। राज्य पर्यावरण मंत्री सुदर्शन घोष दास्तीकार इस चुनावी दौड़ के एक अन्य दिग्गज दावेदार हैं। वह अपनी माहिसादल सीट को बचाने के प्रयास में हैं। वहीं तृणमूल के पूर्व मंत्री हितेन बर्मन एक बार फिर सीतलकूची सीट से अपना भाग्य आजमा रहे हैं।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
गुरुवार को 25 सीटों पर वोट डाले गए। इन जिलों में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे और यहां चप्पे-चप्पे पर सुरक्षाकर्मी तैनात थे।
छठे चरण में 170 उम्मीदवार मैदान में
अंतिम चरण के चुनाव के लिए 18 महिलाओं समेत कुल 170 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं। कड़े सुरक्षा इंतजाम करते हुए चुनावी पैनल ने केंद्रीय बलों की 361 कंपनियां तैनात की थीं, जिन्हें राज्य पुलिसबल के 12 हजार जवानों की मदद मिल रही है। कुल मतदाताओं में से 27.8 लाख महिलाएं हैं। 68 मतदाता तीसरे लिंग वाली श्रेणी में भी हैं।
आजादी के बाद पहली बार कूच बिहार के लोगों ने डाले वोट
आजादी के बाद, यह पहली बार है, जब कूच बिहार जिले में सीमावर्ती बस्तियों के निवासी अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया। ऐसा पिछले साल इन बस्तियों के भारतीय क्षेत्र में विलय के बाद संभव हुआ। इन बस्तियों में 9776 मतदाता हैं, जिनके लिए विशेष इंतजाम किए गए और जागरूकता कार्यक्रम चलाए गए।
उम्र 103 साल, लेकिन पहली बार डाला वोट
इस बार मध्य मशालदंगा के 103 वर्षीय असगर अली ने जिंदगी में पहली बार मतदान किया वहीं पूर्वी मिदनापुर में जिला प्रशासन ने विकलांग लोगों के लिए चुनावों को सुगम बनाने के लिए विशेष इंतजाम किए। दोनों जिलों में 714 संवेदनशील गांवों और 1685 संवेदनशील मतदाताओं की पहचान की गई थी।
कई दिग्गजों की भी किस्मत दांव पर
पूर्वी मिदनापुर की सभी 16 सीटें जीतने वाली तृणमूल कांग्रेस ने इस बार तामलुक के सांसद सुवेंदू अधिकारी को नंदीग्राम से उतारा है। उन्हें कांग्रेस-वाम गठबंधन के सहयोग से माकपा की टिकट पर खड़े अब्दुल कबीर शेख के खिलाफ उतारा गया है। राज्य पर्यावरण मंत्री सुदर्शन घोष दास्तीकार इस चुनावी दौड़ के एक अन्य दिग्गज दावेदार हैं। वह अपनी माहिसादल सीट को बचाने के प्रयास में हैं। वहीं तृणमूल के पूर्व मंत्री हितेन बर्मन एक बार फिर सीतलकूची सीट से अपना भाग्य आजमा रहे हैं।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
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