कोल्लम में मंदिर हादसे का दृश्य (फाइल फोटो)
कोल्लम:
चुनाव वाले राज्य केरल में कोल्लम मंदिर हादसे पर भी राजनीति होती दिखाई दे रही है जिसमें 113 लोगों की जान चली गई। विपक्षी माकपा ने प्रदेश के गृहमंत्री के इस्तीफे की मांग की है वहीं कांग्रेस नीत यूडीएफ सरकार ने केंद्र से इसे राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग की। मुख्यमंत्री ओमन चांडी ने कहा कि आपदा को राजनीतिक रंग देने का प्रयास बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है और पूरा ध्यान पीड़ितों के पुनर्वास और बचाव पर होना चाहिए।
सर्वश्रेष्ठ सुविधाएं देने पर पूरा ध्यान दे रही है सरकार
त्रासदी के बाद माकपा द्वारा की गई सरकार की आलोचना का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘सरकार कोल्लम और तिरुवनंतपुरम के अस्पतालों में उपचार करा रहे लोगों को सर्वश्रेष्ठ सुविधाएं देने पर पूरा ध्यान दे रही है।’’ माकपा के प्रदेश सचिव कोडियेरी बालाकृष्णन और पोलितब्यूरो के सदस्य पिनाराई विजयन ने मांग की है कि प्रदेश के गृहमंत्री रमेश चेन्नीतला अपना इस्तीफा दें।
अधिकारियों को सरकारी तंत्र का इस्तेमाल कर चुप कराया जा रहा है
विजयन ने कहा, ‘‘त्रासदी के लिए सरकार जिम्मेदार है और गृहमंत्री पद पर बने रहने योग्य नहीं हैं। केरल उच्च न्यायालय ने भी सरकार की कड़ी आलोचना की।’’ उन्होंने आरोप लगाया कि आतिशबाजी रोकने की कोशिश करने वाले अधिकारियों को सरकारी तंत्र का इस्तेमाल कर चुप कराया जा रहा है।
कोल्लम की कलेक्टर ए शाइनामोल और अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट ए शाहनवाज ने आतिशबाजी छोड़ने की अनुमति देने से इनकार कर दिया था। एडीएम ने आज इन खबरों से इनकार किया कि उन्होंने समिति के सदस्यों को आतिशबाजी की ‘मौखिक’ अनुमति दी थी। उन्होंने कहा, ‘‘मैंने इस संबंध में ऐसी कोई अनुमति नहीं दी। आरोप गलत हैं।’’
आतिशबाजी प्रदर्शन पर रोक लगी
एडीएम ने कहा कि उन्होंने आतिशबाजी प्रदर्शन पर रोक लगा दी थी और पुलिस से इसका पालन करने को कहा था। मामले की जांच कर रहे अपराध शाखा के दल के प्रमुख एडीजीपी एस अनंतकृष्णन द्वारा एडीएम को सम्मन जारी किये जाने की खबरों पर उन्होंने कहा, ‘‘मुझे अभी तक ऐसी कोई जानकारी नहीं मिली है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘अगर एडीजीपी मुझे तलब करते हैं तो मैं पालन करंगा क्योंकि मैं एक सरकारी अधिकारी हूं।’’ भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष कुम्मनम राजशेखरन ने घटना की जांच सीबीआई से कराये जाने की मांग की।
केरल उच्च न्यायालय ने कल राज्यभर के मंदिरों में सूर्यास्त के बाद आतिशबाजी प्रदर्शन पर रोक लगा दी थी। हालांकि 16 मई को होने वाले चुनावों के मद्देनजर सरकार ने आतिशबाजी पर रोक लगाने की मांग पर सावधानी से आगे बढ़ने का फैसला किया है और कल सर्वदलीय बैठक बुलाई है।
चांडी ने बताया कि बैठक में आतिशबाजी प्रदर्शन पर रोक लगाने की नीति तय करने के संबंध में निर्णय लिया जाएगा।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
सर्वश्रेष्ठ सुविधाएं देने पर पूरा ध्यान दे रही है सरकार
त्रासदी के बाद माकपा द्वारा की गई सरकार की आलोचना का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘सरकार कोल्लम और तिरुवनंतपुरम के अस्पतालों में उपचार करा रहे लोगों को सर्वश्रेष्ठ सुविधाएं देने पर पूरा ध्यान दे रही है।’’ माकपा के प्रदेश सचिव कोडियेरी बालाकृष्णन और पोलितब्यूरो के सदस्य पिनाराई विजयन ने मांग की है कि प्रदेश के गृहमंत्री रमेश चेन्नीतला अपना इस्तीफा दें।
अधिकारियों को सरकारी तंत्र का इस्तेमाल कर चुप कराया जा रहा है
विजयन ने कहा, ‘‘त्रासदी के लिए सरकार जिम्मेदार है और गृहमंत्री पद पर बने रहने योग्य नहीं हैं। केरल उच्च न्यायालय ने भी सरकार की कड़ी आलोचना की।’’ उन्होंने आरोप लगाया कि आतिशबाजी रोकने की कोशिश करने वाले अधिकारियों को सरकारी तंत्र का इस्तेमाल कर चुप कराया जा रहा है।
कोल्लम की कलेक्टर ए शाइनामोल और अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट ए शाहनवाज ने आतिशबाजी छोड़ने की अनुमति देने से इनकार कर दिया था। एडीएम ने आज इन खबरों से इनकार किया कि उन्होंने समिति के सदस्यों को आतिशबाजी की ‘मौखिक’ अनुमति दी थी। उन्होंने कहा, ‘‘मैंने इस संबंध में ऐसी कोई अनुमति नहीं दी। आरोप गलत हैं।’’
आतिशबाजी प्रदर्शन पर रोक लगी
एडीएम ने कहा कि उन्होंने आतिशबाजी प्रदर्शन पर रोक लगा दी थी और पुलिस से इसका पालन करने को कहा था। मामले की जांच कर रहे अपराध शाखा के दल के प्रमुख एडीजीपी एस अनंतकृष्णन द्वारा एडीएम को सम्मन जारी किये जाने की खबरों पर उन्होंने कहा, ‘‘मुझे अभी तक ऐसी कोई जानकारी नहीं मिली है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘अगर एडीजीपी मुझे तलब करते हैं तो मैं पालन करंगा क्योंकि मैं एक सरकारी अधिकारी हूं।’’ भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष कुम्मनम राजशेखरन ने घटना की जांच सीबीआई से कराये जाने की मांग की।
केरल उच्च न्यायालय ने कल राज्यभर के मंदिरों में सूर्यास्त के बाद आतिशबाजी प्रदर्शन पर रोक लगा दी थी। हालांकि 16 मई को होने वाले चुनावों के मद्देनजर सरकार ने आतिशबाजी पर रोक लगाने की मांग पर सावधानी से आगे बढ़ने का फैसला किया है और कल सर्वदलीय बैठक बुलाई है।
चांडी ने बताया कि बैठक में आतिशबाजी प्रदर्शन पर रोक लगाने की नीति तय करने के संबंध में निर्णय लिया जाएगा।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
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