नई दिल्ली:
चुनाव आयोग ने बुधवार को सरकार को आदेश दिया कि उन पांच राज्यों में अल्पसंख्यकों के लिए ओबोसी कोटे से 4.5 फीसदी आरक्षण दिए जाने के फैसले पर रोक लगाए, जहां विधानसभा चुनाव हो रहे हैं।
आयोग ने एक बयान जारी कर कहा, ‘चुनाव आयोग के संज्ञान में यह बात लाई गई थी कि केंद्र सरकार ने ओबीसी के 27 फीसदी कोटे से अल्पसंख्यकों को 4.5 फीसदी आरक्षण देकर चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन किया है, जिसे रोक देना चाहिए।’ चुनाव आयोग ने कहा, ‘मामले पर विचार करने के बाद इस तथ्य पर गौर किया गया कि अल्पसंख्यक आरक्षण बीते 22 दिसंबर को घोषित हुआ था।
यह आचार संहिता लागू होने से दो दिन पहले किया गया था।’ बयान के मुताबिक चुनाव आयोग ने कार्मिक, लोकशिकायत एवं पेंशन विभाग को आदेश दिया है कि गोवा, मणिपुर, पंजाब, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में सरकार के इस फैसले पर अमल नहीं होना चाहिए।
इस तरह की शिकायतें रही हैं कि चुनाव की तिथियों के ऐलान से ठीक पहले आरक्षण के फैसले से इन पांच राज्यों में मतदाता प्रभावित हो सकते हैं।
आयोग ने एक बयान जारी कर कहा, ‘चुनाव आयोग के संज्ञान में यह बात लाई गई थी कि केंद्र सरकार ने ओबीसी के 27 फीसदी कोटे से अल्पसंख्यकों को 4.5 फीसदी आरक्षण देकर चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन किया है, जिसे रोक देना चाहिए।’ चुनाव आयोग ने कहा, ‘मामले पर विचार करने के बाद इस तथ्य पर गौर किया गया कि अल्पसंख्यक आरक्षण बीते 22 दिसंबर को घोषित हुआ था।
यह आचार संहिता लागू होने से दो दिन पहले किया गया था।’ बयान के मुताबिक चुनाव आयोग ने कार्मिक, लोकशिकायत एवं पेंशन विभाग को आदेश दिया है कि गोवा, मणिपुर, पंजाब, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में सरकार के इस फैसले पर अमल नहीं होना चाहिए।
इस तरह की शिकायतें रही हैं कि चुनाव की तिथियों के ऐलान से ठीक पहले आरक्षण के फैसले से इन पांच राज्यों में मतदाता प्रभावित हो सकते हैं।
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