यह ख़बर 04 अक्टूबर, 2013 को प्रकाशित हुई थी

दिल्ली सहित पांच राज्यों में बजा चुनावी बिगुल, मतगणना 8 दिसंबर को

नई दिल्ली:

देश में अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले पांच राज्यों दिल्ली, राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और मिजोरम में विधानसभा चुनाव नवंबर-दिसंबर में होगा, निर्वाचन आयोग ने शुक्रवार को मतदान की तारीखें घोषित कर दीं।

मुख्य निर्वाचन आयुक्त वीएस संपत ने कहा कि कांग्रेस शासित तीन और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) शासित दो राज्यों में मतदान संपन्न होने के बाद परिणामों की घोषणा आठ दिसंबर को होगी। उन्होंने मीडिया को बताया कि छत्तीसगढ़ में 11 और 19 नवंबर को, मध्य प्रदेश में 25 नवंबर को, राजस्थान में एक दिसंबर को तथा मिजोरम व दिल्ली में चार दिसंबर को मतदान कराया जाएगा।

संपत ने कहा कि देश के 7.14 करोड़ मतदाताओं में से कुल 1.10 करोड़ लोग इन पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव में मतदान करेंगे। उन्होंने बताया कि इन राज्यों में स्वतंत्र एवं निष्पक्ष मतदान कराने की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। कुल 130,000 मतदान केंद्रों पर मतदान की व्यवस्था रहेगी।

संपत ने बताया कि गुजरात के सूरत (पश्चिम) और तमिलनाडु के येरकाउड विधानसभा निर्वाचन क्षत्रों में उपचुनाव भी साथ ही कराया जाएगा।

कांग्रेस दिल्ली, राजस्थान और मिजोरम में सत्तारूढ़ है जबकि मध्य प्रदेश एवं छत्तीसगढ़ में भाजपा का शासन है।

दिल्ली, राजस्थान, मध्य प्रदेश व छत्तीसगढ़ में मुख्य मुकाबला कांग्रेस और भाजपा के बीच है जबकि राष्ट्रीय राजधानी में आम आदमी पार्टी (आप) तीसरी ताकत के रूप में उभरी है।

राजनीति के विशेषज्ञों का कहना है कांग्रेस और भाजपा दोनों जीत का दावा कर रही हैं। इन पांच राज्यों में होने वाले चुनाव दोनों मुख्य पार्टियों के लिए परीक्षा की तरह है। इसके नतीजे देखकर ही पार्टियां अगले वर्ष होने वाले संसदीय चुनाव के लिए अपनी रणनीति तैयार करेंगी।

भाजपा के सुधांशु त्रिवेदी ने दावा किया कि उनकी पार्टी मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में सत्ता में लौटेगी और दिल्ली और राजस्थान की जनता कांग्रेस को सत्ता से बाहर कर देगी। उन्होंने कहा कि देश में माहौल भाजपा के पक्ष में है।

वहीं, कांग्रेस प्रवक्ता राशिद अल्वी ने कहा कि उनकी पार्टी को चुनाव वाले पांचों राज्यों में सरकार बनाने का भरोसा है।

चुनाव की तिथियों की घोषणा के साथ राजनीतिक पंडितों ने भी अटकलें लगानी शुरू कर दी है। दिल्ली विश्वविद्यालय में राजनीतिक विज्ञान के प्राध्यापक प्रदीप कुमार दत्ता ने कहा कि पांच राज्यों में चुनाव महत्वपूर्ण साबित होगा और इसी से यह भी पता चल जाएगा कि भाजपा के प्रधानमंत्री पद प्रत्याशी नरेंद्र मोदी को कितने लोग चाहते हैं।

जामिया मिलिया इस्लामिया में राजनीति विज्ञान के प्राध्यापक निसार-उल हक ने कहा कि इन राज्यों में कांग्रेस और भाजपा के बीच कड़ा मुकाबला होगा। उन्होंने कहा कि ये चुनाव इस वजह से अहम हैं कि इसी से साफ हो जाएगा कि आम चुनाव में क्या होने वाला है।

दिल्ली में विधानसभा की 70 सीटों, राजस्थान में 200, छत्तीसगढ़ में 90, मध्य प्रदेश में 230 और मिजोरम में 40 सीटों के लिए मतदान होना है।

संपत ने कहा कि चुनाव की तिथियों की घोषणा के साथ पांचों राज्यों में आदर्श चुनाव आचार संहिता तुरंत प्रभाव से लागू हो गई है। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव अगले वर्ष मई में संभावित है। उसके तुरंत बाद सिक्किम, ओडिशा और आंध्र प्रदेश में विधानसभा चुनाव होना है। हरियाणा और महाराष्ट्र में भी अगले साल विधानसभा चुनाव होगा।

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उल्लेखनीय है कि पांच राज्यों में होने वाले चुनाव में पहली बार मतदाताओं के सामने वैसा मतपत्र या इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) होगी जिसमें यह विकल्प होगा कि 'उपर्युक्त उम्मीदवारों में से कोई पसंद नहीं है'।