प्रतीकात्मक तस्वीर
अहमदाबाद:
अहमदाबाद के संजय नायक छोटे निवेशक हैं। 2008 तक काफी पैसा लगाते थे लेकिन 2008 में मंदी आई तब शेयर बाज़ार में उन्होंने काफी पैसा खोया था। तब से बाज़ार में निवेश से दूर ही थे। लेकिन हालात कुछ सुधरने लगे तो बड़ी हिम्मत करके पिछले करीब 6 महिने पहले फिर से बाज़ार में निवेश के लिए लौटे। लेकिन पिछले एक सप्ताह में जिस तरह बाज़ार लुढ़का है, इसने फिर से उन्हें पुराने बुरे दिनों की याद दिला दी है और फिर से उनका विश्वास डोल गया है।
महत्वपूर्ण है कि शुक्रवार को पहले गिरने के बाद शेयर बाज़ार कुछ संभला। हालांकि कुछ खास बढ़त नहीं बना सका। सेंसेक्स करीब 34 और निफ्टी मुश्किल से 5 अंक ऊपर बंद हुआ। इससे पहले गुरुवार को सेंसेक्स 807 अंक और निफ्टी 239 अंक लुढ़ककर 21 महिने के सबसे निचले स्तर पर बंद हुए थे। गुरुवार तक पिछले 4 सेशन में ही सेंसेक्स करीब 1700 अंक लुढ़का था। ये 25 अगस्त 2015 को 1624 और 6 जनवरी 2015 को हुई 855 अंकों की गिरावट के बाद पिछले दो सालों में सबसे बड़ी गिरावट थी। 2009 के बाद पहली बार एक ही सप्ताह में बाज़ार में इतनी बड़ी गिरावट दर्ज हुई है।
इस गिरावट से बाज़ार में निवेशकों का करीब 3 लाख करोड़ का नुकसान एक ही दिन में हो गया। पिछले एक सप्ताह में हुई गिरावट ने आम निवेशकों को फिर दहला दिया है।
लोग समझ नहीं पा रहे हैं कि शेयर बाज़ार में फिर से निवेश करें या नहीं। कहीं वैसे ही मंदी का दौर चल रहा है ऐसे में बड़ी मेहनत से बचाया पैसा कहीं डूब तो नहीं जाएगा।
इस परिस्थिति में वित्त मंत्री ने अरुण जेटली ने बयान देकर निवेशकों में भरोसा दिलाने की कोशिश की है। लेकिन अन्य जानकारों ने इस परिस्थिति में सावधानीपूर्वक ही निवेश करने की निवेशकों को सलाह दी है। उनका कहना है जो लोग कम अवधि में पैसा कमाने के लिए बाज़ार में आना चाहते हैं उनके लिए अभी सही वक्त नहिं है। निवेशक बस इसी उम्मीद में बैठे हैं कि बाज़ार का हाल कुछ सुधरेगा और उनके पैसे की फिर से कीमत आएगी।
महत्वपूर्ण है कि शुक्रवार को पहले गिरने के बाद शेयर बाज़ार कुछ संभला। हालांकि कुछ खास बढ़त नहीं बना सका। सेंसेक्स करीब 34 और निफ्टी मुश्किल से 5 अंक ऊपर बंद हुआ। इससे पहले गुरुवार को सेंसेक्स 807 अंक और निफ्टी 239 अंक लुढ़ककर 21 महिने के सबसे निचले स्तर पर बंद हुए थे। गुरुवार तक पिछले 4 सेशन में ही सेंसेक्स करीब 1700 अंक लुढ़का था। ये 25 अगस्त 2015 को 1624 और 6 जनवरी 2015 को हुई 855 अंकों की गिरावट के बाद पिछले दो सालों में सबसे बड़ी गिरावट थी। 2009 के बाद पहली बार एक ही सप्ताह में बाज़ार में इतनी बड़ी गिरावट दर्ज हुई है।
इस गिरावट से बाज़ार में निवेशकों का करीब 3 लाख करोड़ का नुकसान एक ही दिन में हो गया। पिछले एक सप्ताह में हुई गिरावट ने आम निवेशकों को फिर दहला दिया है।
लोग समझ नहीं पा रहे हैं कि शेयर बाज़ार में फिर से निवेश करें या नहीं। कहीं वैसे ही मंदी का दौर चल रहा है ऐसे में बड़ी मेहनत से बचाया पैसा कहीं डूब तो नहीं जाएगा।
इस परिस्थिति में वित्त मंत्री ने अरुण जेटली ने बयान देकर निवेशकों में भरोसा दिलाने की कोशिश की है। लेकिन अन्य जानकारों ने इस परिस्थिति में सावधानीपूर्वक ही निवेश करने की निवेशकों को सलाह दी है। उनका कहना है जो लोग कम अवधि में पैसा कमाने के लिए बाज़ार में आना चाहते हैं उनके लिए अभी सही वक्त नहिं है। निवेशक बस इसी उम्मीद में बैठे हैं कि बाज़ार का हाल कुछ सुधरेगा और उनके पैसे की फिर से कीमत आएगी।
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