अहमदाबाद में पुलिस ने अपहरण के मामले में तीन व्यापारियों सहित सात लोगों को गिरफ्तार किया है.
- दो मित्रों को 30 प्रतिशत कमीशन लेकर नोट बदलवाने को दिए थे
- नोट लेकर जा रही महिला को नकली पुलिस ने लूट लिया
- व्यापारियों ने वसूली के लिए मित्रों का अपहरण कर लिया
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अहमदाबाद:
नोटबंदी और उसके असर कैसे-कैसे हुए, इसके अलग-अलग किस्म के उदाहरण सामने आ रहे हैं. एक ऐसा मामला सामने आया है जिसमें अपराध पर अपराध होते चले गए. अहमदाबाद में पुराने नोट बदलवाने के लिए की गई मशक्कत, लूट और फिर अपहरण का मामला सामने आया है. पुलिस ने जब मामले की छानबीन की तो तीन व्यापारी पुरानी नकदी बदलवाने और फिर वसूली के लिए अपहरण करने के आरोपी निकले. पुलिस ने तीन व्यापारियों और उनके चार सहायकों को गिरफ्तार कर लिया है.
नोटबंदी के बाद वे सभी परेशान थे जिनके पास बड़ी मात्रा में कैश था. गुजरात के व्यापारी पंकज सोनी, उमेश पटेल और जिग्नेश पंड्या के पास भी 35 लाख रुपये थे जो उन्होंने अपने मित्र जयदीप और सूचित को करीब 30 प्रतिशत कमीशन लेकर बदलवाने को दिए. जयदीप ने अपने 12 लाख रुपये जोड़े और 47 लाख रुपये बदलवाने के लिए पुलिस से बचने के लिए पैसे अपनी पत्नी को दे दिए. उसे किसी दूसरे इलाके में पहुंचने को कहा. रास्ते में खुद को पुलिस बताने वाले लोगों ने इस महिला को लूट लिया और फरार हो गए. जब जयदीप ने यह बात व्यापारियों को बताई तो इन व्यापारियों को जयदीप की बात पर भरोसा नहीं हुआ.
थोड़े दिनों बाद अपने पैसे वापस उगाहने के इरादे से इन तीनों व्यापारियों ने अन्य चार लोगों के साथ मिलकर जयदीप और सूचित का अपहरण कर लिया. अहमदाबाद के क्राइम ब्रांच के असिस्टेंट पुलिस कमिश्नर राजदीपसिंह झाला के मुताबिक पहले तो यह लोग पुलिस के पास आना नहीं चाहते थे, क्योंकि खुद भी फंस सकते थे. शुरुआत में सूचित के पिता ने पैसों का जुगाड़ करने की कोशिश की लेकिन जयदीप की पत्नी घबरा गई. उसे लगा कि उसका पति शायद मुसीबत में फंस सकता है, इसलिए मामला पुलिस में चला गया.
पुलिस ने अपहरण का पूरा मामला सुलझा लिया और तीन व्यापारियों समेत उनके चार सहायकों को भी गिरफ्तार कर लिया है. अब अपहरण के साथ-साथ गैरकानूनी पैसे के मामले की भी जांच होगी. झाला का कहना है कि यह मामला गैरकानूनी तरीके से पैसा बदलवाने का भी है. पुलिस ने अपहरण का मामला तो सुलझा लिया है लेकिन पैसों की लूट के मामले की गुत्थी अब भी नहीं सुलझी है.
फिलहाल अपहरण का शिकार हुआ व्यापारी पुलिस कार्रवाई के डर से मीडिया के सामने नहीं आ रहा है. लेकिन इस घटना से नोटबंदी के बाद पैसे बदलवाने के लिए हुए गोरखधंधों की परतें भी खुल रही हैं.
नोटबंदी के बाद वे सभी परेशान थे जिनके पास बड़ी मात्रा में कैश था. गुजरात के व्यापारी पंकज सोनी, उमेश पटेल और जिग्नेश पंड्या के पास भी 35 लाख रुपये थे जो उन्होंने अपने मित्र जयदीप और सूचित को करीब 30 प्रतिशत कमीशन लेकर बदलवाने को दिए. जयदीप ने अपने 12 लाख रुपये जोड़े और 47 लाख रुपये बदलवाने के लिए पुलिस से बचने के लिए पैसे अपनी पत्नी को दे दिए. उसे किसी दूसरे इलाके में पहुंचने को कहा. रास्ते में खुद को पुलिस बताने वाले लोगों ने इस महिला को लूट लिया और फरार हो गए. जब जयदीप ने यह बात व्यापारियों को बताई तो इन व्यापारियों को जयदीप की बात पर भरोसा नहीं हुआ.
थोड़े दिनों बाद अपने पैसे वापस उगाहने के इरादे से इन तीनों व्यापारियों ने अन्य चार लोगों के साथ मिलकर जयदीप और सूचित का अपहरण कर लिया. अहमदाबाद के क्राइम ब्रांच के असिस्टेंट पुलिस कमिश्नर राजदीपसिंह झाला के मुताबिक पहले तो यह लोग पुलिस के पास आना नहीं चाहते थे, क्योंकि खुद भी फंस सकते थे. शुरुआत में सूचित के पिता ने पैसों का जुगाड़ करने की कोशिश की लेकिन जयदीप की पत्नी घबरा गई. उसे लगा कि उसका पति शायद मुसीबत में फंस सकता है, इसलिए मामला पुलिस में चला गया.
पुलिस ने अपहरण का पूरा मामला सुलझा लिया और तीन व्यापारियों समेत उनके चार सहायकों को भी गिरफ्तार कर लिया है. अब अपहरण के साथ-साथ गैरकानूनी पैसे के मामले की भी जांच होगी. झाला का कहना है कि यह मामला गैरकानूनी तरीके से पैसा बदलवाने का भी है. पुलिस ने अपहरण का मामला तो सुलझा लिया है लेकिन पैसों की लूट के मामले की गुत्थी अब भी नहीं सुलझी है.
फिलहाल अपहरण का शिकार हुआ व्यापारी पुलिस कार्रवाई के डर से मीडिया के सामने नहीं आ रहा है. लेकिन इस घटना से नोटबंदी के बाद पैसे बदलवाने के लिए हुए गोरखधंधों की परतें भी खुल रही हैं.
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