ग्लास्गो राष्ट्रमंडल खेलों में भारत की विनेश ने याना को हराया था (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
कुश्ती में अपनी प्रतिद्वंद्वियों को कई बार छठी का दूध याद दिलाने वाली इंग्लैंड की पहलवान याना रैटिगन पेशेवर कुक हैं और उन्हें भारतीय खाना बनाने में भी महारत हासिल है. पेशवर कुश्ती लीग (पीडब्ल्यूएल) के सिलसिले में भारत दौरे पर आई राष्ट्रमंडल खेलों की रजत पदक विजेता याना ने चंडीगढ़ में स्वादिष्ट कढ़ाही पनीर बनाकर सबको चौंका दिया.
उन्होंने कहा, ‘मुझे कुश्ती से जितना प्यार है उतना ही कुकिंग से भी है. मुझे खाना बनाने और उसे अपने करीबियों को खिलाने में बहुत खुशी मिलती है.’ यह ब्रिटिश पहलवान इंग्लैंड के एक होटल में शैफ हैं. वहां वह आर्गेनिक खाना बनाती हैं. भारतीय पकवानों को काफी पसंद किया जाता है.
उन्होंने कहा, ‘वहां काफी संख्या में भारतीय आते हैं और मुझे पता है कि भारतीय खाने में क्या पसंद करते हैं. मैं सुबह चार बजे उठकर पहले कुश्ती का अभ्यास करती हूं और फिर साढ़े सात बजे होटल के लिये रवाना होती हूं.’ याना डेढ घंटे के सफर के बाद होटल पहुंचती है और फिर शाम को होटल में ही स्ट्रैचिंग और एक्सरसाइज़ करती हैं.
उन्होंने कहा, ‘पिछले दिनों मुझे मुख्य शैफ बनने का मौका मिला था लेकिन मैंने यह पद इसलिए ठुकरा दिया क्योंकि हेड शैफ को छुट्टियां नहीं मिलती और कुश्ती के कारण मुझे हमेशा छुट्टियों की जरूरत होती है.’ याना ग्लास्गो राष्ट्रमंडल खेलों में विनेश के हाथों हुई हार को कभी नहीं भूलती. यूरोपीय चैम्पियनशिप में इंग्लैंड को कुश्ती का पहला पदक दिलाने वाली याना ने कहा, ‘विनेश कभी हार नहीं मानती. उनमें काफी संभावनाएं छिपी हैं. वह भारत में कुश्ती को आगे बढ़ाने के लिये आदर्श चेहरा साबित हो सकती हैं.’
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
उन्होंने कहा, ‘मुझे कुश्ती से जितना प्यार है उतना ही कुकिंग से भी है. मुझे खाना बनाने और उसे अपने करीबियों को खिलाने में बहुत खुशी मिलती है.’ यह ब्रिटिश पहलवान इंग्लैंड के एक होटल में शैफ हैं. वहां वह आर्गेनिक खाना बनाती हैं. भारतीय पकवानों को काफी पसंद किया जाता है.
उन्होंने कहा, ‘वहां काफी संख्या में भारतीय आते हैं और मुझे पता है कि भारतीय खाने में क्या पसंद करते हैं. मैं सुबह चार बजे उठकर पहले कुश्ती का अभ्यास करती हूं और फिर साढ़े सात बजे होटल के लिये रवाना होती हूं.’ याना डेढ घंटे के सफर के बाद होटल पहुंचती है और फिर शाम को होटल में ही स्ट्रैचिंग और एक्सरसाइज़ करती हैं.
उन्होंने कहा, ‘पिछले दिनों मुझे मुख्य शैफ बनने का मौका मिला था लेकिन मैंने यह पद इसलिए ठुकरा दिया क्योंकि हेड शैफ को छुट्टियां नहीं मिलती और कुश्ती के कारण मुझे हमेशा छुट्टियों की जरूरत होती है.’ याना ग्लास्गो राष्ट्रमंडल खेलों में विनेश के हाथों हुई हार को कभी नहीं भूलती. यूरोपीय चैम्पियनशिप में इंग्लैंड को कुश्ती का पहला पदक दिलाने वाली याना ने कहा, ‘विनेश कभी हार नहीं मानती. उनमें काफी संभावनाएं छिपी हैं. वह भारत में कुश्ती को आगे बढ़ाने के लिये आदर्श चेहरा साबित हो सकती हैं.’
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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