स्कूली बच्चों को सबसे ज्यादा टेंशन होती है होमवर्क की. अगर नहीं किया तो टीचर से डांट पक्की है. इससे बचने के लिए बच्चों को होमवर्क करना ही पड़ता है. भारत में तो बच्चों से ज्यादा माता-पिता को टेंशन होती है. अगर नहीं करवाया तो स्कूल में खूब बेइज्जती होगी. यही वजह है कि माता-पिता बच्चों की पढ़ाई पर ज्यादा ध्यान देते हैं. एक रिपोर्ट सामने आई है जिसमें बताया गया है कि पढ़ाई में बच्चों की सबसे ज्यादा मदद भारतीय माता-पिता करते हैं.
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एजुकेशन चैरिटी वर्की फाउंडेशन ने इस बात का खुलासा किया है. उन्होंने 29 देशों में सर्वे किया. इस सर्वे में 27,380 लोगों को शामिल किया गया. ये सर्वे 2 दिसंबर 2017 से लेकर 15 जनवरी 2018 तक किया गया था. भारत में इस सर्वे में एक हजार लोगों का शामिल किया गया जबकि बाकी देशों के 17 हजार 380 पार्टिसिपेंट थे. सर्वे पूरी तरह से ऑनलाइन था. सर्वे के रिजल्ट में पता चला कि बच्चों की पढ़ाई में मदद के लिए भारतीय माता-पिता नंबर-1 पर हैं.
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72 प्रतिशत भारतीय माता-पिता ने माना कि पिछले 10 साल में एजुकेशन स्टेंडर्ड में सुधार हुआ है. वहीं बाकी देश के माता-पिताओं ने एजुकेशन स्टेंडर्ड को इतना अच्छा नहीं माना. यानी इस मामले में भी भारत नंबर वन पर रहा. होमवर्क में मदद करने वाले सर्वे पर नजर डालें तो भारत पड़ोसी देश चीन और विश्व शक्ति अमेरिका से कहीं आगे है. हफ्ते में भारतीय माता-पिता जहां होमवर्क कराने में अपने बच्चों को 12 घंटे देते हैं वहीं चीनी माता-पिता 7 घंटे और अमेरिकी माता-पिता सिर्फ 6 घंटे देते हैं.
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