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टू स्लैब स्ट्रक्चर, ऑटोमेटेड रीटर्न... नेक्स्ट जेनरेशन GST को लेकर क्या है सरकार का मेगा प्लान, पढ़ें

पीएम मोदी की इस घोषणा के बाद अब वित्त मंत्रालय ने एक विस्तृत आउट लाइन जारी कर दी है. इसके तहत केंद्र सरकार ने जीएसटी दर को तर्कसंगत बनाने और संबंधित सुधारों के लिए अपना प्रस्ताव जीएसटी परिषद द्वारा गठित मंत्रियों के समूह (जीओएम) को सौंप दिया है.

टू स्लैब स्ट्रक्चर, ऑटोमेटेड रीटर्न... नेक्स्ट जेनरेशन GST को लेकर क्या है सरकार का मेगा प्लान, पढ़ें
जीएसटी रिफॉर्म को लेकर पीएम मोदी ने की बड़ी घोषणा
  • प्रधानमंत्री मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर नेक्स्ट जेनरेशन जीएसटी रिफॉर्म की घोषणा की.
  • वित्त मंत्रालय ने दरों को तर्कसंगत बनाने और सुधारों के लिए जीएसटी परिषद को प्रस्ताव सौंपा है
  • स्वचालित रिफंड और पहले से भरे जीएसटी रिटर्न जैसे उपाय छोटे व्यवसायों और एमएसएमई के लिए अनुपालन को आसान बनाएंगे
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पीएम मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर देशवासियों के लिए कई अहम योजनाओं और तोहफों की घोषणा की. इन्हीं में से एक घोषणा है नेक्स्ट जेनरेशन जीएसटी का. पीएम मोदी ने राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में कहा कि इस दीपावली में आपकी डबल दीपावली का काम करने वाला हूं. इस दीपावली पर देशवासियों को बड़ा तोहफा मिलने वाला है.बीते आठ साल में जीएसटी का बहुत बड़ा रिफॉर्म किया है.आठ साल के बाद समय की मांग है कि हम जीएसटी का रिव्यू करें. और हमने रिव्यू किया और तय किया की हम नेक्स्ट जेनरेशन जीएसटी रिफॉर्म लेकर आना है. इसके लिए काम तेजी से चल रहा है.

पीएम मोदी की इस घोषणा के बाद अब वित्त मंत्रालय ने एक विस्तृत आउट लाइन जारी कर दी है. इसके तहत केंद्र सरकार ने जीएसटी दर को तर्कसंगत बनाने और संबंधित सुधारों के लिए अपना प्रस्ताव जीएसटी परिषद द्वारा गठित मंत्रियों के समूह (जीओएम) को सौंप दिया है. आपको बता दें कि इस योजना का लक्ष्य समाज के सभी वर्गों को लाभ पहुंचाना है.

वित्त मंत्रालय ने इसकी जानकारी सोशल मीडिया साइट एक्स पर भी दी. मंत्रालय ने एक्स पर लिखा कि केंद्र ने सभी हितधारकों के बीच रचनात्मक, समावेशी और सर्वसम्मति-आधारित संवाद बनाने के उद्देश्य से यह पहल की है. इसमें कहा गया है कि सरकार सुधारों को लागू करने से पहले आम सहमति बनाने के लिए सहकारी संघवाद की भावना में राज्यों के साथ मिलकर काम करेगी.

उम्मीद है कि जीएसटी परिषद अपनी आगामी बैठक में जीओएम की सिफारिशों की समीक्षा करेगी. सरकार का लक्ष्य शीघ्र कार्यान्वयन करना है ताकि चालू वित्तीय वर्ष के भीतर लाभ प्राप्त किया जा सके. साथ ही मंत्रालय ने कहा कि जीएसटी "एक सरल, स्थिर और पारदर्शी कर प्रणाली" के रूप में विकसित होता रहेगा जो समावेशी विकास का समर्थन करता है और औपचारिक अर्थव्यवस्था को मजबूत करता है. 

पीएम मोदी की इस घोषणा को लेकर सीनियर एडवाइजर सुधीर कपाड़िया ने कहा कि GST रिफॉर्म की जरूरत सबसे ज्यादा हैं. अब जब पीएम मोदी ने इसकी घोषणा कर दी है तो ये साफ है कि सरकार इसे लेकर  सिर्फ सोच नहीं रही है बल्कि दीपावली तक इसे लागू करने की टाइमलाइन भी तय कर दी गई है. अब समय आ गया है कि ऐसे रिफॉर्म किए जाएं. 

सरकार द्वारा प्रस्तावित प्रमुख संरचनात्मक परिवर्तनों में से एक उल्टे शुल्क ढांचे में सुधार है, जो लंबे समय से निर्माताओं और निर्यातकों के लिए चिंता का विषय रहा है. इस कदम से घरेलू मूल्यवर्धन बढ़ने और आयात पर निर्भरता कम होने की उम्मीद है. इसके अलावा सरकार जीएसटी के तहत वर्गीकरण विवाद को हल करने की योजना बना रही है, जिसके कारण सभी क्षेत्रों में भ्रम और मुकदमेबाजी हुई है. 

दूसरा प्रमुख फोकस क्षेत्र दर युक्तिकरण है. केंद्र एक सरलीकृत दो स्लैब जीएसटी संरचना की ओर बदलाव का प्रस्ताव कर रहा है, जो वर्तमान बहु-दर प्रणाली को सुव्यवस्थित करेगा. इस परिवर्तन का उद्देश्य आवश्यक और महत्वाकांक्षी वस्तुओं पर कर का बोझ कम करना है, जिससे राजस्व तटस्थता बनाए रखते हुए उन्हें उपभोक्ताओं के लिए अधिक किफायती बनाया जा सके.आसानी और अनुपालन में सुधार के लिए सरकार स्वचालित रिफंड और पहले से भरे हुए जीएसटी रिटर्न जैसे उपाय पेश कर रही है. इन कदमों से विशेष रूप से छोटे व्यवसाय और एमएसएमई के लिए के लिए काफी फायदेमंद होगा, जो अक्सर जटिल फाइलिंग प्रक्रियाओं से जूझते हैं. 

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