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मार्केट में आने वाली है मेड इन इंडिया चिप, जानें सेमीकंडक्टर को लेकर क्या है भारत का सुपर प्लान

PM Modi Semiconductor Chip: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने कुछ दिन पहले ही भारत सेमीकंडक्टर मिशन (आईएसएम) के तहत चार और सेमीकंडक्टर प्रोजक्ट्स को स्वीकृति दी थी.

मार्केट में आने वाली है मेड इन इंडिया चिप, जानें सेमीकंडक्टर को लेकर क्या है भारत का सुपर प्लान
तेजी से बढ़ रहा है भारत का सेमीकंडक्टर मार्केट
  • सेमीकंडक्टर चिप तकनीक स्मार्टफोन, कंप्यूटर और डिफेंस जैसे क्षेत्रों में सूचना प्रसंस्करण का मूल आधार है
  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बताया कि इस वर्ष भारत की पहली मेड इन इंडिया सेमीकंडक्टर चिप बाजार में आएगी
  • भारत में सेमीकंडक्टर बाजार का आकार 2023 में लगभग 38 अरब डॉलर और 2030 तक सौ अरब डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है
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India Semiconductor Chip: जब भी आप अपने स्मार्टफोन या फिर कंप्यूटर को कोई कमांड देते हैं तो पलक झपकते ही आपके सामने रिजल्ट होता है. ये सब कौन करता है और इसके लिए किस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल होता है? इसके बारे में काफी कम लोग सोचते हैं. ये सब एक छोटी सी चिप से होता है, जिसे सेमीकंडक्टर कहते हैं. अब इसे लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बड़ा ऐलान किया है और बताया है कि इस साल भारत की पहले मेड इन इंडिया चिप मार्केट में आ जाएगी. ऐसे में आइए जानते हैं कि क्या है भारत का सेमीकंडक्टर सुपर प्लान और अभी हम इसमें कहां तक पहुंचे हैं. 

क्या होती है सेमीकंडक्टर चिप?

किसी भी सैटेलाइट के डेटा को इकट्ठा करने और दुनियाभर में तमाम सिग्नल भेजने के लिए सेमीकंडक्टर चिप का इस्तेमाल होता है. इस चिप का साइज आपकी उंगली से भी छोटा होता है, लेकिन काम काफी बड़ा है. हर चिप में लाखों करोड़ों नैनो स्विच होते हैं, जिन्हें ट्रांजिस्टर कहा जाता है. ये  ये इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में दिमाग का काम करती हैं, यानी आपका डिवाइस बिना इसके किसी भी काम का नहीं है. जैसे हमारे दिमाग तक कोशिकाओं के जरिए सिग्नल पहुंचते हैं और वो काम करता है, ठीक उसी तरह ये चिप भी डिवाइस तक जानकारी पहुंचाने का काम करती हैं. डिफेंस और स्पेस सेक्टर में भी इसका बड़ा रोल है. 

सबसे खास बात ये है कि सेमीकंडक्टर का ग्लोबल मार्केट 2030 तक 1 ट्रिलियन अमरीकी डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है, जिसमें बड़ा हिस्सा भारत का बाजार होगा. भारत में इसके लिए उचित इंफ्रास्ट्रक्चर और सोर्स हैं, जिनका इस्तेमाल सेमीकंडक्टर बनाने वाली कंपनियां कर सकती हैं.  अनुमान लगाया जा रहा है कि भारतीय सेमीकंडक्टर मार्केट का साइज 2023 में लगभग 38 अरब डॉलर, 2024-2025 में 45-50 अरब डॉलर और 2030 तक 100-110 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है.

भारत सेमीकंडक्टर चिप्स के मामले में भले ही थोड़ा पीछे रह गया हो, लेकिन ताइवान, कोरिया और चीन जैसे दुनिया के कई देश इससे बड़ी कमाई कर रहे हैं. इसकी डिमांड आसमान छू रही है और प्रोडक्शन काफी कम है, इसीलिए अब भारत इसमें आगे बढ़ने की तैयारी कर रहा है. मेक इन इंडिया के तहत इलेक्ट्रॉनिक्स सिस्टम डिजाइन और मैन्युफैक्चरिंग (इएसडीएम) को प्रमुख क्षेत्रों में से एक के रूप में शामिल करने, या भारत सेमीकंडक्टर मिशन और सेमीकंडक्टर इंडिया कार्यक्रम जैसी योजनाओं ने इसमें मदद की है. 

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सबसे खास बात ये है कि सेमीकंडक्टर का ग्लोबल मार्केट 2030 तक 1 ट्रिलियन अमरीकी डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है, जिसमें बड़ा हिस्सा भारत का बाजार होगा. भारत में इसके लिए उचित इंफ्रास्ट्रक्चर और सोर्स हैं, जिनका इस्तेमाल सेमीकंडक्टर बनाने वाली कंपनियां कर सकती हैं.  अनुमान लगाया जा रहा है कि भारतीय सेमीकंडक्टर मार्केट का साइज 2023 में लगभग 38 अरब डॉलर, 2024-2025 में 45-50 अरब डॉलर और 2030 तक 100-110 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है.

इन चीजों पर है फोकस

इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन यानी ISM के तहत भारत की कोशिश है कि सेमीकंडक्टर के ज्यादा से ज्यादा प्लांट खोले जाएं. साथ ही इसके लिए पैकेजिंग और टेस्टिंग यूनिट बनाना, चिप डिजाइन में स्टार्टअप्स को सहयोग देना, युवा इंजीनियरों को ट्रेनिंग देना और भारत में निवेश के लिए दुनिया की बड़ी कंपनियों को लाना एक बड़ा टारगेट है. इस पर भारत लगातार काम कर रहा है. 

कई प्रोजेक्ट्स को मिल रही मंजूरी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने कुछ दिन पहले ही भारत सेमीकंडक्टर मिशन (आईएसएम) के तहत चार और सेमीकंडक्टर प्रोजक्ट्स को स्वीकृति दी थी. इनमें सिकसेम (एसआईसीएसईएम), कॉन्टिनेंटल डिवाइस इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (सीडीआईएल), 3डी ग्लास सॉल्यूशंस इंक और एडवांस्ड सिस्टम इन पैकेज (एएसआईपी) टेक्नोलॉजीज शामिल हैं. इनके जरिए करीब 4,600 करोड़ रुपये के कुल निवेश से सेमीकंडक्टर कंपनियां स्थापित होंगी और इस क्षेत्र में काम करने वाले लोगों के लिए नौकरियों की भरमार होगी. 

अब भारत सेमीकंडक्टर मिशन (आईएसएम) के अंतर्गत 6 राज्यों में लगभग 1.60 लाख करोड़ रुपये के कुल निवेश के साथ स्वीकृत परियोजनाओं की कुल संख्या 10 हो गई है. यूपी के जेवर, असम, बेंगलुरु, गुजरात में सेमीकंडक्टर यूनिट पर काम चल रहा है. 
 

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TISS iCall 022-25521111 (सोमवार से शनिवार तक उपलब्‍ध - सुबह 8:00 बजे से रात 10:00 बजे तक)
(अगर आपको सहारे की ज़रूरत है या आप किसी ऐसे शख्‍स को जानते हैं, जिसे मदद की दरकार है, तो कृपया अपने नज़दीकी मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य विशेषज्ञ के पास जाएं)

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