
वेटनरी शोध के बाद साबित हो चुका है कि गाय के शरीर में बड़ा छेद कर देने से उसे नुकसान होने के बजाय फायदा ही होता है.
- लंबे समय तक गाय का लाभ लेने के लिए इसके साथ प्रयोग कर रहे अमेरिकी किसान
- गाय के शरीर में बना दिया जाता है बड़ा छेद
- वेटनरी शोध में दावा, इससे नहीं होता गाय को नुकसान
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पीपल फॉर इथीकल ट्रीटमेंट ऑफ एनीमल्स (पेटा) की वेबसाइट के मुताबिक गाय के शरीर में बनाया जाने वाला यह बड़ा छेद फिस्टुला (fistula) कहा जाता है. वहीं शरीर के जिस हिस्से में यह बड़ा छेद बनाया जाता है उसे रूमेन (Rumen) कहते हैं.
बताया जाता है कि जब गाय के शरीर में छेद करने के लिए सर्जरी की जाती है तो करीब छह हफ्ते तक गाय असहज होती है. हालांकि कुशल डॉक्टरों के इस सर्जरी करने पर गाय को किसी भी तरह के नुकसान होने की कोई संभावना नहीं होती है. गाय के शरीर में बड़ा छेद करने के बाद उसे एक प्लास्टिक की रिंग से बंद कर दिया जाता है. साथ ही इच्छा के अनुसार ढक्कन हटाकर गाय के पेट में झांका जा सकता है. कई बार गाय के बीमार होने पर उसके पेट में सीधे दवाई डाल दी जाती है. गाय के पेट में किसी तरीके की गड़बड़ी की स्थिति में वेटनरी डॉक्टर हाथ डालकर गाय के पेट को खुद ही साफ कर लेते हैं.
गाय के पेट में छेद करने की इस प्रक्रिया का कई संगठन विरोध भी करते हैं. विरोध करने वालों का कहना है कि क्या हम केवल अपने फायदे के लिए पशुओं के साथ इस तरह का प्रयोग करना जायज है. आलोचकों का ये भी कहना है कि अमेरिका में मौजूद फेडरल एनिमल वेलफेयर एक्ट ही एकमात्र ऐसा कानून है, जो अपने फायदे के लिए पशुओं के साथ किए जाने वाले प्रयोग को रोक सकता है. साथ ही पशुओं को उसका अधिकार मिल सकता है. हालांकि खेती-बाड़ी के काम में उपयोग होने वाले गाय पर यह कानून लागू नहीं होता है. ओलचक इसे गायों के साथ क्रूरता मानते हैं और इसे रोकने के लिए कानून की मांग करते हैं.
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