
Carry Cow on Back Himachal: हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले के गांव क्यारी में इंसानियत, आस्था और साहस का ऐसा दृश्य देखने को मिला, जिसने पूरे प्रदेश को प्रेरित किया. भारी बारिश, फिसलन भरे पहाड़ी रास्ते और तीन किलोमीटर की खतरनाक दूरी. इन सबके बीच दो ग्रामीणों ने बीमार गाय की जान बचाने के लिए अपनी जान की परवाह नहीं की.
असंभव दिखते हालात (Cow on Back Video)
गांव की एक गाय कई दिनों से गंभीर रूप से बीमार थी. अस्पताल गांव से लगभग 3 किलोमीटर दूर था और इस मौसम में वहां तक वाहन ले जाना तो दूर, पैदल पहुंचना भी जोखिम भरा था, लेकिन गांव के दया राम और लाल सिंह ने ठान लिया कि किसी भी हालत में गाय को समय पर इलाज दिलाना है.
पीठ पर बांधकर की कठिन यात्रा (himachal cow rescue)
रस्सियों की मदद से करीब दो क्विंटल वजनी गाय को पीठ पर बांधकर दोनों युवक फिसलन भरे और मलबे से भरे संकरे रास्ते पर चल पड़े. यह सफर न केवल शारीरिक रूप से कठिन था, बल्कि एक छोटी सी गलती दोनों और गाय के लिए घातक साबित हो सकती थी, फिर भी उनका संकल्प अटल रहा...गौ माता को बचाना है.
यहां देखें वीडियो
समय पर मिला इलाज, बची जान (himachal cow life saved)
घंटों की मशक्कत के बाद जब वे अस्पताल पहुंचे, तो डॉक्टरों ने तुरंत इलाज शुरू किया. समय रहते इलाज मिलने के कारण गाय की जान बच गई. अब वह पूरी तरह स्वस्थ है. गांव में यह खबर फैलते ही लोग भावुक हो गए और दोनों युवकों की सराहना करने लगे.
पूरे क्षेत्र के लिए प्रेरणा (Gau Mata Bachane Ki Kahani)
गांव की पंचायत प्रधान ने कहा कि, इस इलाके में बीमार पशु को अस्पताल पहुंचाना बेहद मुश्किल है, लेकिन दया राम और लाल सिंह ने जो किया वह साहस और सेवा की मिसाल है. उनकी यह कहानी अब पूरे हिमाचल में प्रेरणा बन गई है.
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