शिक्षक की विदाई पर फूट-फूटकर रोये बच्चे, लिपटकर कहा- प्लीज सर, मत जाइये! टीचर भी भावुक हुए

बच्चों का ये प्यार देखकर शिक्षक भी भावुक हो गए. अंतिम विदाई के बाद शिक्षक ने बच्चों से कहा, मैं मिलने आऊंगा. तुमलोग पढ़ाई करो. ये वीडियो सोशल मीडिया पर बहुत तेज़ी से वायरल हो रहा है. इस वीडियो को देखकर पता चलता है कि एक शिक्षक को बच्चे कितना प्यार करते हैं.

यूं तो आए दिन यूपी के सरकारी विद्यालयों की कमियों की खबर आपने देखी होगी. जहां सरकारी विद्यालय में किस प्रकार अच्छी शिक्षा और विद्यालय में संसाधन ना होने को लेकर लगातार खबरें दिख जाती है. लेकिन इन दिनों चंदौली जनपद में कुछ वीडियो वायरल हो रहा है जो अपने आप में एक नई कहानी बयां करते हैं. किस प्रकार सरकारी स्कूल के बच्चे अपने शिक्षकों को प्यार करते हैं यह शिक्षक के स्थानांतरण के बाद सामने आया. शिक्षक और छात्रों का लगाव कैसा है अपने गुरु की विदाई के दौरान छात्रों ने दिखाया और फफक फफक कर रो पड़े. यह वीडियो सोशल मीडिया में बड़ी तेजी से वायरल हो रहे हैं.

वीडियो देखें

दरअसल चकिया ब्लाक के पहाड़ी क्षेत्र में नक्सल इलाके से सटे रतिगढ़ कमपोजिट विद्यालय के सहायक अध्यापक का स्थानांतरण होने के बाद 12 जुलाई को विदाई समारोह रखा गया था. जिसमें शिक्षक को सम्मानित किया गया. लेकिन जब शिक्षक स्कूल से विदा होने लगे तो उनके विद्यालय के छात्र अपने गुरु की विदाई सहन नही कर सके और फफक फफक कर रोने लगे. हालांकि गुरुजी छात्रों को समझाते रहे लेकिन छात्रों का प्यार देखकर गुरु जी की भी आंखें भर आई और उनका गला भी रुंध गया.

7 सितंबर 2018 को चकिया ब्लॉक के रतिगढ़ प्राथमिक विद्यालय में सहायक अध्यापक के पद पर शिक्षक शिवेंद्र सिंह की तैनाती हुई. पहाड़ी इलाके में स्थित विद्यालय को कक्षा पांच से बढ़ाकर कक्षा 7 तक कमपोजिट विद्यालय बना दिया गया. शिक्षक शिवेंद्र सिंह ने नए तरीकों को अपनाकर बच्चों को पढ़ाया और उनको आधुनिक तरीके से शिक्षा देनी शुरू कर दी. खेल खेल में बच्चों को पढ़ाना सोशल मीडिया के माध्यम से बच्चों को जागरूक करना और बच्चों के साथ तरह तरह के खेल खेलना. इस कारण शिवेंद्र बच्चों में काफी लोकप्रिय हो गए. पहाड़ी इलाकों के बच्चे बड़ी संख्या में विद्यालय आने लगे और शिक्षक शिवेंद्र और छात्रों के बीच एक रिश्ता बन गया. 

शिक्षक शिवेंद्र सिंह बच्चों के साथ जमीन पर ही बैठकर पठन-पाठन का कार्य करते और उनको हर तरह की जानकारी देते. देखते-देखते 4 साल गुजर गए और 12 जुलाई का वह दिन भी आ गया जब सहायक अध्यापक के पद पर तैनात शिवेंद्र सिंह का स्थानांतरण गैर जनपद हो गया. इसको लेकर विद्यालय में विदाई समारोह का आयोजन किया गया. जिसमें बड़ी संख्या में छात्र और उनके अभिभावक स्कूल पहुंचे. जहां पर क्षमता अनुसार छात्रों और उनके अभिभावकों ने शिक्षक शिवेंद्र को उपहार दिए. लेकिन जब शिवेंद्र विद्यालय से जाने लगे तब छात्रों का सब्र का बांध टूट गया और छात्र फफक फफक कर रोने लगे और अपने गुरु को घेरकर गुरु से लिपट गए. यह देखकर सहायक अध्यापक शिवेंद्र की भी आंखें भर आई और बोलते बोलते उनका गला रुंध गया. लगा कि शिवेंद्र भी रो देंगे. हालांकि उन्होंने बच्चों को बहुत समझाया और आश्वासन दिया तुमसे मिलने जरूर आएंगे. शिवेंद्र ने बच्चों से कहा कि वह मन लगाकर पढ़ाई और खूब आगे बढ़े.


सहायक अध्यापक शिवेंद्र ने बताया कि चंदौली जैसा प्राकृतिक यूपी में नही है. पहाड़ी इलाके में बच्चों के साथ पठन-पाठन का कार्य करना उनके साथ खेलना और आपने कहीं देखा है पहाड़ों पर क्रिकेट खलते. हम लोग बच्चों के साथ पहाड़ों पर क्रिकेट खेलते थे. बच्चों को हर नई जानकारी देते थे ताकि उनको दुनिया से रूबरू कराया जा सके. हालांकि उनसे अलग होना मेरे लिए काफी असहनीय है लेकिन जाना तो पड़ेगा.

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