नई दिल्ली:
बैठे-बैठे काम करने, अनियिमित खान पान और फास्टफूड को लेकर बढ़ते क्रेज के चलते युवा पीढ़ी में कोलस्ट्रोल बढ़ता जा रहा है, जिससे उनमें दिल की बीमारी का जोखिम भी बढ़ गया है। वाणिज्य एवं उद्योग मंडल एसोचैम के ताजा सर्वेक्षण में यह निष्कर्ष सामने आया है।
'वर्ल्ड हर्ट डे' (24 सितंबर) से पहले किए गए इस सर्वेक्षण के अनुसार दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में 25 से 45 वर्ष के आयुवर्ग में 38 प्रतिशत नौजवानों में कोलस्ट्रोल खतरनाक स्थिति तक पहुंच चुका है। दिल की बीमारी में ऊंचा कोलस्ट्रोल ही सबसे बड़ा जोखिम होता है।
एसोचैम की स्वास्थ्य समिति के चेयरमैन डॉ बीके राव ने सर्वेक्षण जारी करते हुए कहा हालांकि, पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में यह समस्या कम पाई गई। 15 प्रतिशत महिलाओं में ही अधिक चर्बी और कोलस्ट्रोल की समस्या पाई गई। ह्रदयाघात और उसके जोखिम पर यह सर्वेक्षण देश के प्रमुख शहरों में किया गया।
दिल की बीमारियों के मामले में दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (दिल्ली एनसीआर) सबसे आगे रहा। उसके बाद मुंबई दूसरे, अहमदाबाद तीसरे, बेंगलुरु चौथे, चंडीगढ़ पांचवें, हैदराबाद छठे और पुणे सातवें स्थान पर रहा। एसोचैम के इस सर्वेक्षण में दिल्ली एनसीआर के अलावा मुंबई, बेंगलुरु, कोलकाता, चेन्नई, अहमदाबाद, हैदराबाद, पुणे, चंडीगढ, देहरादून आदि शहरों में किया गया। हर शहर से औसतन 200 कर्मचारियों को चुना गया।
'वर्ल्ड हर्ट डे' (24 सितंबर) से पहले किए गए इस सर्वेक्षण के अनुसार दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में 25 से 45 वर्ष के आयुवर्ग में 38 प्रतिशत नौजवानों में कोलस्ट्रोल खतरनाक स्थिति तक पहुंच चुका है। दिल की बीमारी में ऊंचा कोलस्ट्रोल ही सबसे बड़ा जोखिम होता है।
एसोचैम की स्वास्थ्य समिति के चेयरमैन डॉ बीके राव ने सर्वेक्षण जारी करते हुए कहा हालांकि, पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में यह समस्या कम पाई गई। 15 प्रतिशत महिलाओं में ही अधिक चर्बी और कोलस्ट्रोल की समस्या पाई गई। ह्रदयाघात और उसके जोखिम पर यह सर्वेक्षण देश के प्रमुख शहरों में किया गया।
दिल की बीमारियों के मामले में दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (दिल्ली एनसीआर) सबसे आगे रहा। उसके बाद मुंबई दूसरे, अहमदाबाद तीसरे, बेंगलुरु चौथे, चंडीगढ़ पांचवें, हैदराबाद छठे और पुणे सातवें स्थान पर रहा। एसोचैम के इस सर्वेक्षण में दिल्ली एनसीआर के अलावा मुंबई, बेंगलुरु, कोलकाता, चेन्नई, अहमदाबाद, हैदराबाद, पुणे, चंडीगढ, देहरादून आदि शहरों में किया गया। हर शहर से औसतन 200 कर्मचारियों को चुना गया।
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