आज के समय में महंगाई और रहन-सहन पर ऊंची लागत के कारण लोगों की परचेचिंग पावर (क्रय शक्ति) में काफी गिरावट आई है. खासकर मेट्रो शहरों में हालत बेहद चिंताजनक है. वहां रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी की बेतहाशा बढ़ी कीमतें और वस्तुओं और सेवाओं की आसमान छूती कीमतें लोगों की जेब पर भारी असर डालती हैं. इस बीच एक सोशल मीडिया यूजर ने एक्स पर पूछा कि, आज की अर्थव्यवस्था में 1 करोड़ रुपये में आपको क्या मिल सकता है. इसके बाद सोशल मीडिया पर इकोनॉमी को लेकर बड़ी बहस छिड़ गई.
'एक करोड़ रुपये से हम क्या-क्या नहीं कर सकते'
दरअसल, माइक्रोब्लॉगिंग साइट एक्स पर अक्षत श्रीवास्तव नाम के यूजर ने चुटकी लेते हुए पोस्ट किया कि, मुंबई, दिल्ली या गुरुग्राम में एक अच्छा घर खरीदने के लिए 1 करोड़ रुपये पर्याप्त नहीं हैं. श्रीवास्तव ने यह भी कहा कि, यह रकम माता-पिता के लिए अपने बच्चों को अच्छे एमबीए प्रोग्राम के लिए विदेश भेजने के लिए भी पर्याप्त नहीं है और न ही नई दिल्ली जैसे शहरों में इंटरनेशनल स्कूलों के लिए ही काफी हैं.
'ज्यादा पैसे की छपाई और कर्ज से परचेजिंग पावर खत्म कर दिया'
उन्होंने एक्स पर पोस्ट में लिखा, 'आप मुंबई, दिल्ली या गुरुग्राम में एक घर नहीं खरीद सकते (कम से कम एक परिवार के लिए रहने योग्य नहीं). आप शायद बाहरी इलाके में कुछ देख सकते हैं और फिर घंटों सफर करते हैं. कुछ देशों या सरकारी यूनिवर्सिटी को छोड़कर, आप अपने बच्चों को विदेश में अधिकांश एमबीए कार्यक्रमों में स्टडी के लिए विदेश नहीं भेज सकते हैं. आप शायद अपने बच्चों को इंटरनेशनल स्कूलों में नहीं भेज सकते. मजाक नहीं कर रहा, दिल्ली में, ब्रिटिश स्कूल में क्लास 1 के बच्चे के लिए 95 लाख डोनेशन है.'
अक्षत श्रीवास्तव ने लिखा, 'नई दुनिया में आपका स्वागत है. ज्यादा पैसे की छपाई और कर्ज ने आपकी परचेजिंग पावर को खत्म कर दिया है.'
पोस्ट यहां देखें
What 1 Crore gets you?
— Akshat Shrivastava (@Akshat_World) April 8, 2024
[1] You can't buy a house in Mumbai, Delhi, Gurugram (at least not a liveable one for a family)
* You could look at something at the outskirts (maybe). And commute for hours.
[2] You can't send your kids abroad for studying at most MBA programs abroad…
'एक घर, विदेश में एमबीए प्रोग्राम या स्कूल एडमिशन को भूल जाइए'
श्रीवास्तव के इस पोस्ट से एक्स पर तीखी बहस छिड़ गई. जहां कुछ यूजर्स ने अपनी-अपनी राय दी और एक जैसे अनुभव शेयर किए, वहीं कई लोग उनसे असहमत थे. एक यूजर ने लिखा, 'एक घर, एमबीए प्रोग्राम या स्कूल एडमिशन को भूल जाइए, @अक्षत_वर्ल्ड, 1 करोड़ की रकम आपको एक मेबैक या दा विंची पेंटिंग या किसी आल्प्स स्की रिसॉर्ट में एक महीने का रुकना भी नहीं दिलवा सकती. इस तरह पैसे में गिरावट हुई है.'
दूसरे यूजर ने कमेंट किया, '1 करोड़ रुपये आपको 2 शहरों में एक अच्छा जीवन दे सकता है और हर कोई नहीं चाहता कि, उनके बच्चे उच्च शिक्षा के लिए विदेश जाएं. आपकी मानसिकता मायने रखती है.'
'100 करोड़ होंगे, तब भी आप गरीब महसूस करेंगे'
तीसरे यूजर ने लिखा, 'अगर आपके पास 1 करोड़ रुपये है, तो आप आसानी से इसके ब्याज से कोई भी अच्छी जगह किराए पर ले सकते हैं. अगर आप विदेश में एमबीए प्रोग्राम करना चाहते हैं तो आप आसानी से एजुकेशन लोन हासिल कर सकते हैं. अपने बच्चों को पहले इंटरनेशनल स्कूलों में क्यों भेजें? यहां तक कि अगर आपके पास 100 करोड़ हैं तो आप कुछ स्थानों (दुबई, सिंगापुर वगैरह) में गरीब महसूस करेंगे.'
'मिडिल क्लास के लिए यह हमेशा ऐसा ही रहा है'
चौथे यूजर ने कमेंट किया, 'यह कोई नई दुनिया नहीं है. मिडिल क्लास के लिए यह हमेशा ऐसा ही रहा है. 90 के दशक में भी मध्यम वर्ग को मुंबई में अच्छा आवास खरीदने, अपने बच्चों को अमेरिका में पढ़ने के लिए भेजने या ब्रिटिश स्कूलों में दाखिला दिलाने के लिए संघर्ष करना पड़ता था. सही कहें तो इस मायने में आजादी के बाद से हमने ज्यादा तरक्की नहीं की है.'
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