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This Article is From Jan 24, 2024

पौधे भी आपस में करते हैं बातें, वैज्ञानिकों ने रिसर्च में किया बड़ा खुलासा, Video की सच्चाई कर देगी हैरान

सैतामा विश्वविद्यालय के आणविक जीवविज्ञानी मासात्सुगु टोयोटा के नेतृत्व में यह महत्वपूर्ण उपलब्धि नेचर कम्युनिकेशंस पत्रिका में प्रकाशित हुई थी.

पौधे भी आपस में करते हैं बातें, वैज्ञानिकों ने रिसर्च में किया बड़ा खुलासा, Video की सच्चाई कर देगी हैरान
पौधों का आपस में बातें करते वीडियो आया सामने

जापान (Japan) के वैज्ञानिकों (scientists) की एक टीम ने एक अविश्वसनीय खोज की है, जिसमें पौधों के एक-दूसरे से "बातचीत" करते हुए रियल टाइम के फुटेज कैप्चर किए गए हैं. साइंस अलर्ट के अनुसार, पौधे एयरबोर्न कंपाउंड्स यानी वायुजनित यौगिकों की महीन धुंध से घिरे होते हैं जिनका इस्तेमाल वे संचार करने के लिए करते हैं. ये कंपाउंड गंध की तरह होते हैं और आस-पास के पौधों को खतरे की चेतावनी देते हैं. जापानी वैज्ञानिकों द्वारा रिकॉर्ड किए गए वीडियो से पता चला है कि पौधे इन हवाई अलार्मों को कैसे प्राप्त करते हैं और उन पर रिएक्ट करते हैं. सैतामा विश्वविद्यालय के आणविक जीवविज्ञानी मासात्सुगु टोयोटा के नेतृत्व में यह महत्वपूर्ण उपलब्धि नेचर कम्युनिकेशंस पत्रिका में प्रकाशित हुई थी. टीम के अन्य सदस्यों में पीएचडी छात्र यूरी अरातानी और पोस्टडॉक्टरल शोधकर्ता ताकुया उमुरा शामिल थे.

टीम ने देखा कि कैसे एक क्षतिग्रस्त पौधा कीड़ों या किसी अन्य कारण से क्षतिग्रस्त पौधों की ओर से छोड़े गए volatile organic compounds (वीओसी) पर प्रतिक्रिया करता है.

इस रिसर्च में लेखकों ने जानकारी दी है कि, "पौधे मैकेनिकल रूप से या क्षतिग्रस्त पड़ोसी पौधों के जरिए जारी वीओसी को समझते हैं और अलग-अलग रक्षा प्रतिक्रियाओं के लिए प्रेरित करते हैं. इस तरह का इंटरप्लांट कम्युनिकेशन पौधों को पर्यावरणीय खतरों से बचाता है." इसका वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया गया है, जो वायरल हो रहा है.

देखें वीडियोः

संचार को पकड़ने के लिए, इन वैज्ञानिकों ने पत्तियों और कैटरपिलर के एक कंटेनर से जुड़े एक वायु पंप का इस्तेमाल किया और सरसों परिवार की एक सामान्य खरपतवार, अरबइडॉप्सिस थालियाना के साथ एक अन्य बॉक्स का इस्तेमाल किया.

साइंस अलर्ट में कहा गया है कि कैटरपिलर को टमाटर के पौधों और अरेबिडोप्सिस थालियाना से काटी गई पत्तियों को खाने की अनुमति दी गई थी और रिसर्चर्स ने उन खतरे के संकेतों के लिए एक दूसरे कीट-मुक्त अरबइडॉप्सिस पौधे की प्रतिक्रियाओं को पकड़ लिया.

शोधकर्ताओं ने एक बायोसेंसर जोड़ा था जो हरे रंग की चमक देता था और कैल्शियम आयनों का पता लगाया जाता था. कैल्शियम सिग्नलिंग एक ऐसी चीज़ है जिसका इस्तेमाल मानव कोशिकाएं भी संचार करने के लिए करती हैं.

जैसा कि वीडियो में देखा गया है, क्षतिग्रस्त पौधों को अपने घायल पड़ोसियों के संदेश प्राप्त हुए और कैल्शियम सिग्नलिंग के फटने के साथ प्रतिक्रिया हुई जो उनकी फैली हुई पत्तियों पर तरंगित हो गई.

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