दिग्गज क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर ने मोबाइल से पहले के उन दिनों को याद किया, जब वह अंजलि को पत्र लिखते थे और खत का जवाब मिलने पर अपनी पत्नी की 'खूबसूरत' हस्तलेख में खो जाया करते थे।
तेंदुलकर को हालांकि अपनी पत्नी के लिए पत्र लिखने से पहले मेहनत करनी पड़ती थी। उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा, क्रिकेट गेंद को हिट करना मेरे लिए नैसर्गिक था, लेकिन अंजलि को पत्र लिखते समय मैं यह जांच करता रहता था कि मैं क्या लिख रहा हूं।
इस स्टार बल्लेबाज ने हस्तलेख को बढ़ावा देने के कार्यक्रम के दौरान कहा, उन दिनों मोबाइल नहीं हुआ करते थे तथा संचार के एकमात्र साधन लैंडलाइन फोन या पत्र हुआ करते थे। मैंने पत्र लिखने शुरू किए। मैंने अपने माता-पिता को पत्र लिखने से शुरुआत की और बाद में कुछ पत्र (पत्नी) अंजलि के लिए भी लिखे।
सचिन ने याद किया कि किस तरह से उनके माता-पिता ने उन्हें पेन थामना और लिखना सिखाया था। तेंदुलकर ने कहा, इसके बाद जब मैं परिवार से दूर रहता था, तो मैंने अपने माता-पिता और बाद में पत्नी के लिए पत्र लिखने शुरू किए थे।
तेंदुलकर ने कहा कि अमूमन डॉक्टरों की लिखावट साफ-सुथरी नहीं होती, लेकिन पेशे से डॉक्टर अंजलि इस मामले में अपवाद थीं। उन्होंने कहा, उनकी लिखावट बहुत सुंदर है, जिसे देखकर कोई भी प्रेरित हो सकता है।
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