फाइल फोटो
न्यूयॉर्क:
अगर आपके खर्राटों से आपके पार्टनर की नींद हराम हो रही है, तो मुंह और जीभ का एक साधारण सी कसरत आपको इस समस्या से निजात दिलाने में मदद कर सकता है।
शोध में यह पाया गया है कि यह कसरत खर्राटों को 36 फीसदी और खर्राटों की तेज़ आवाज को 59 फीसदी तक कम कर सकती है।
अमेरिका के युनिवर्सिटी ऑफ केंटकी कॉलेज ऑफ मेडिसिन में स्लीप लेबोरेटरी के चिकित्सा निदेशक बारबरा फिलीप ने कहा, 'खर्राटे की समस्या से जूझ रही एक बड़ी आबादी के लिए यह अध्ययन एक बेहतरीन और नॉन इनवेसिव (बिना सर्जरी के) इलाज को प्रदर्शित करता है।
खर्राटे से पीड़ित लोग अपनी जीभ के अगले सिरे को तालू की ओर दबाएं और फिर जीभ को वापस खींच लें। यह प्रक्रिया दोहराएं। अब जीभ के अगले हिस्से को मुंह के निचले हिस्से तथा अगले दांत से स्पर्श कराते हुए जीभ के पिछले हिस्से को तालू की ओर दबाएं और स्वर 'ए' का उच्चारण करते हुए तालू तथा अलिजिह्वा (उवुला) को ऊपर उठाएं।
खर्राटे को कम करने के लिए शोध में इस व्यायाम को सुझाया गया है। खर्राटे से पीड़ित 39 मरीजों पर यह अध्ययन किया गया और इसका बेहद सकारात्मक असर देखा गया।
ब्राजील के युनिवर्सिटी ऑफ साओ पाउलो में मुख्य लेखक जेराल्डो लॉरेंजी-फिल्हो ने कहा, 'हमारे अध्ययन समूह में इस व्यायाम से खर्राटों को कम करने में बेहद मदद मिली।' यह अध्ययन पत्रिका 'चेस्ट' में प्रकाशित हुआ है।
शोध में यह पाया गया है कि यह कसरत खर्राटों को 36 फीसदी और खर्राटों की तेज़ आवाज को 59 फीसदी तक कम कर सकती है।
अमेरिका के युनिवर्सिटी ऑफ केंटकी कॉलेज ऑफ मेडिसिन में स्लीप लेबोरेटरी के चिकित्सा निदेशक बारबरा फिलीप ने कहा, 'खर्राटे की समस्या से जूझ रही एक बड़ी आबादी के लिए यह अध्ययन एक बेहतरीन और नॉन इनवेसिव (बिना सर्जरी के) इलाज को प्रदर्शित करता है।
खर्राटे से पीड़ित लोग अपनी जीभ के अगले सिरे को तालू की ओर दबाएं और फिर जीभ को वापस खींच लें। यह प्रक्रिया दोहराएं। अब जीभ के अगले हिस्से को मुंह के निचले हिस्से तथा अगले दांत से स्पर्श कराते हुए जीभ के पिछले हिस्से को तालू की ओर दबाएं और स्वर 'ए' का उच्चारण करते हुए तालू तथा अलिजिह्वा (उवुला) को ऊपर उठाएं।
खर्राटे को कम करने के लिए शोध में इस व्यायाम को सुझाया गया है। खर्राटे से पीड़ित 39 मरीजों पर यह अध्ययन किया गया और इसका बेहद सकारात्मक असर देखा गया।
ब्राजील के युनिवर्सिटी ऑफ साओ पाउलो में मुख्य लेखक जेराल्डो लॉरेंजी-फिल्हो ने कहा, 'हमारे अध्ययन समूह में इस व्यायाम से खर्राटों को कम करने में बेहद मदद मिली।' यह अध्ययन पत्रिका 'चेस्ट' में प्रकाशित हुआ है।
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