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This Article is From Oct 04, 2015

'प्लैटफॉर्म पाठशाला' : एक वर्दी वाले ने थामी इन गरीब बच्चों के पढ़ाई की डोर

'प्लैटफॉर्म पाठशाला' : एक वर्दी वाले ने थामी इन गरीब बच्चों के पढ़ाई की डोर
कॉन्स्टेबल धर्मवीर सिंह
नई दिल्ली: प्लैटफॉर्म पाठशाला - दिल्ली के एक पुलिस कॉन्स्टेबल की इस नायाब सोच में राजधानी के निज़ामुद्दीन स्टेशन पर पापड़ बेचने वाले बच्चे शामिल हैं। कॉन्सटेबल धर्मवीर सिंह ने स्टेशन के पास सराय काले एरिया में रहने वाले इन बच्चों के साथ डील की है कि एक घंटा वह पढ़ाई करेंगे तो उन्हें पापड़ बेचने की इजाज़त मिल सकती है।

9 साल के सत्या और उसके जैसे कई बच्चों को पेट भरने के लिए दिल्ली आना पड़ता है, वह सराय काले इलाके में रहते हैं और स्टेशन पर पापड़ बेचते हैं। इन बच्चों को अक्सर पुलिस वाले भगा देते हैं लेकिन 4 महीने पहले इनकी मुलाक़ात कॉन्स्टेबल धर्मवीर सिंह से हुई।

23 साल से ड्युटी कर रहे सिंह से इन बच्चों की हालत देखते नहीं बनी और इसलिए इन्होंने इन बच्चों को अपने ड्युटी स्टेशन पर बुनियादी शिक्षा देने का फैसला किया।

खाली वक्त में पढ़ाई

यह बच्चे सिंह के ड्युटी स्टेशन पर अपने खाली वक्त पर आ जाते हैं जहां यह कॉन्स्टेबल इन्हें नंबर, अक्षर और गणित पढ़ाने का काम करते हैं।
 

सिंह बताते हैं कि यह बच्चे एक दूसरे से लड़ाई करने और गलत आदतों में पड़ें, इससे अच्छा है कि वह अपना खाली वक्त पढ़ने में लगाएं। वह इन बच्चों में संस्कृति और शिक्षा के प्रति रुझान पैदा करना चाहते हैं ताकि भविष्य में वह अच्छे स्कूलों में जा सकें। धर्मवीर सिंह का सपना है कि इन बच्चों के लिए स्कूल खोला जा सके ताकि यह बड़े होकर आईएएस अफसर बन सकें।

निज़ामुद्दीन स्टेशन की भीड़भाड़ और शोर के बीच एक बड़े दिल के पुलिसवाले की बदौलत अब यह बच्चे अपने कमाए पैसों की गिनती भी कर पाएंगे।

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