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This Article is From Jan 09, 2024

प्लेन से 20 मिनट तक बाहर लटका रहा पायलट, फिर भी बच गई जान, पूरा मामला जान दंग रह जाएंगे आप

कंप्रेशन के कारण पायलट का सिर भी प्लेन के बाहर आ गया. उन्होंने अपने पैरों को विमान में फंसा लिया जिस वजह से पूरी तरह बाहर गिरने से बच गए.

प्लेन से 20 मिनट तक बाहर लटका रहा पायलट, फिर भी बच गई जान, पूरा मामला जान दंग रह जाएंगे आप
विमान के बाहर लटक गया था पायलट का सिर, फिर ऐसे बची जान

बीते दिनों बीच हवा में अलास्का एयरलाइंस की एक प्लेन की खिड़की निकल गई. खिड़की के साथ कम्प्रेशन के कारण एक सीट भी उखड़ कर गिर गई. इस घटना की वीडियो ने तमाम सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर तहलका मचा दिया. विमान में करीब 180 यात्री सवार थे. हादसे के बाद प्लेन की ओरेगन में इमरजेंसी लैंडिंग करवाई गई. हालांकि, सभी यात्री इस घटना से सुरक्षित निकल आए लेकिन, उनके लिए यह बेहद खौफनाक रहा. एक ऐसी ही घटना कई साल पहले 1990 में हुई जिसमें पायलट के बगल की खिड़की निकल गई.

कंप्रेशन के कारण पायलट का सिर भी प्लेन के बाहर आ गया. उन्होंने अपने पैरों को विमान में फंसा लिया जिस वजह से पूरी तरह बाहर गिरने से बच गए. 20 मिनट तक खिड़की के बाहर लटकने के बाद भी कैप्टन टिमोथी लैंकेस्टर की जान बच गई. इस दौरान साथी क्रू मेंबर्स ने विमान से बाहर लटक रहे कैप्टन को पकड़ रखा था. लैंडिंग होते ही उन्हें हॉस्पिटल में भर्ती करना पड़ा. इसी के साथ यह विमान दुर्घटनाओं के इतिहास का सबसे अजूबा सर्वाइवल स्टोरी बन गयी.
 

बर्मिंघम से मलागा जा रही थी प्लेन

10 जून, 1990 को ब्रिटिश एयरवेज फ्लाइट 5390 में जब यात्री बर्मिंघम से मलागा के लिए रवाना हो रहे थे तो शायद ही उन्हें अंदाजा होगा कि कुछ ही समय में वह एक खौफनाक घटना के गवाह बनने वाले हैं. न्यूयार्क टाइम्स के मुताबिक, घटना के दिन प्लेन में यात्रियों की अच्छी संख्या था. 81 यात्रियों और 6 क्रू मेंबर को मिलाकर विमान में कुल 89 लोग मौजूद थे. विमान ने बर्मिंघम से लोकल टाइम के मुताबिक 8:20 में उड़ान भरी.

उड़ान भरने के 13 मिनट बाद ही प्लेन 17,300 फीट की ऊंचाई पर पहुंच गया था. 8:33 के करीब विमान डिडकोट, ऑक्सफोर्डशायर के ऊपर उड़ रहा था जब कैप्टन लैंकेस्टर के तरफ की खिड़की बहुत तेज आवाज के साथ अचानक टूटकर गिर गई. खिड़की के निकल जाने से उत्पन्न हुए डिकम्प्रेशन के कारण कैप्टन प्लेन से बाहर हो गए. खुशकिस्मती से वह अपने पैरों को फ्लाइट कंट्रोल में फंसाने में कामयाब रहे और पूरी तरह से प्लेन के बाहर गिरने से बच गए. हालांकि, इस वजह से फ्लाइट का ऑटोपायलट बंद हो गया.

को-पायलट ने संभाला प्लेन
को-पायलट एलिस्टेयर एटचेसन ने तुरंत ऑक्सीजन मास्क लगाया और प्लेन के कंट्रोल को अपने हाथों में ले लिया. इस दौरान फ्लाइट डेक पर मौजूद स्टीवर्ड निगेल ओग्डेन ने एक कुर्सी के सहारे कैप्टन लैंकेस्टर के पैरों को पकड़ कर उन्हें सपोर्ट दिया. इसके बाद एक अन्य मेंबर साइमन रोजर्स ने पायलट की सीट पर बैठकर सीट बेल्ट लगाई और कैप्टन को पकड़ लिया जिससे ओग्डेन को राहत मिली. दरअसल, कैप्टन को बचाने के क्रम में ओग्डेन के हाथों में चोट लग गई थी.

क्रू मेंबर्स की मदद से कैप्टन लैंकेस्टर प्लेन के लैंड होने तक ग्रिप बनाए रखने में कामयाब रहे. अन्य क्रू मेंमबर्स ने इस दौरान यात्रियों को दिलासा दिया और सीट बेल्ट बांधे रखने का निर्देश दिया. न्यूयार्क पोस्ट के मुताबिक, फ्रैक्चर कोहनी और घटना के चलते सदमे में चले गए कैप्टन लैंकेस्टर को साउथेम्पटन जनरल हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया.  


 

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