
नासिक:
‘बहुत जोरों की बारिश हो रही थी... बाढ़ का पानी अपनी राह में आने वाली हर चीज को बहा ले गया था... क्या तो सड़कें और क्या पुल... लेकिन इसके बावजूद हमें अंदाजा नहीं था कि कुदरत इस कदर कहर बरपाएगी।’
उत्तराखंड की खूबसूरत वादियों, ठंडी हवाओं और दैवीय शांति के बीच प्रकृति के विनाशकारी तांडव की गवाह बनी एक महिला ने केदारनाथ यात्रा से लौटकर जो दास्तां बयां की वह किसी के भी रोंगटे खड़े कर देने के लिए काफी है।
ताउम्र केदारनाथ यात्रा के इस खौफ के साथ जीने जा रही आरटीओ कालोनी की निवासी प्रिया बागुल ने शनिवार को अमृतसर एक्सप्रेस से लौटने के बाद बताया, ‘हमने तीन दिन एक बस में बैठे रहकर बिस्किट खाते हुए गुजारे। मोबाइल फोनों से कहीं किसी से संपर्क नहीं हो रहा था।’ अपनी दास्तां बयां करते-करते बीच बीच में सिहर उठने वाली बागुल ने बताया कि बस में फंसे यात्रियों को स्थानीय प्रशासन ने सहायता मुहैया कराई। उन्होंने बस के यात्रियों के साथ तीन रातें बस में गुजारीं। इन भयानक रातों में भारी बारिश और बाढ़ ने एक रात भी किसी यात्री को पलक झपकाने की अनुमति नहीं दी।
वह बताती हैं कि किसी को भी जिंदा लौटने की आस नहीं बची थी और सब भगवान से उस दु:स्वप्न के खत्म होने की प्रार्थना कर रहे थे। उसने शिकायती लहजे में कहा, ‘हमें बेहद ऊंचे दामों पर पानी की बोतल खरीदनी पड़ी। वहां के लोग सहयोग करने को तैयार नहीं थे।’
उत्तराखंड की खूबसूरत वादियों, ठंडी हवाओं और दैवीय शांति के बीच प्रकृति के विनाशकारी तांडव की गवाह बनी एक महिला ने केदारनाथ यात्रा से लौटकर जो दास्तां बयां की वह किसी के भी रोंगटे खड़े कर देने के लिए काफी है।
ताउम्र केदारनाथ यात्रा के इस खौफ के साथ जीने जा रही आरटीओ कालोनी की निवासी प्रिया बागुल ने शनिवार को अमृतसर एक्सप्रेस से लौटने के बाद बताया, ‘हमने तीन दिन एक बस में बैठे रहकर बिस्किट खाते हुए गुजारे। मोबाइल फोनों से कहीं किसी से संपर्क नहीं हो रहा था।’ अपनी दास्तां बयां करते-करते बीच बीच में सिहर उठने वाली बागुल ने बताया कि बस में फंसे यात्रियों को स्थानीय प्रशासन ने सहायता मुहैया कराई। उन्होंने बस के यात्रियों के साथ तीन रातें बस में गुजारीं। इन भयानक रातों में भारी बारिश और बाढ़ ने एक रात भी किसी यात्री को पलक झपकाने की अनुमति नहीं दी।
वह बताती हैं कि किसी को भी जिंदा लौटने की आस नहीं बची थी और सब भगवान से उस दु:स्वप्न के खत्म होने की प्रार्थना कर रहे थे। उसने शिकायती लहजे में कहा, ‘हमें बेहद ऊंचे दामों पर पानी की बोतल खरीदनी पड़ी। वहां के लोग सहयोग करने को तैयार नहीं थे।’
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं
मौत के मुंह से लौटी एक महिला की दास्तां, भयानक रातें, उत्तराखंड बाढ़, उत्तराखंड बारिश, उत्तराखंड आपदा, बचाव अभियान, केदारनाथ धाम, केदारनाथ मंदिर, Uttarakhand Flood, Uttarakhand Rain, Kedarnath Temple