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इंसानियत दिखाकर फंस गया... ट्रेन में अंकल टाइप यात्रियों ने ले ली सीट, पूरे सफर में नौजवान यात्री का हुआ बुरा हाल

एक रेडिट यूजर ने बताया है कि उसका ट्रेन का सफर उस वक्त उसके लिए गले की फांस बन गया, जब उसके कोच में कुछ ऐसे अंकल टाइप यात्री चढ़ गए, जिन्होंने उसकी लोअर बर्थ सीट को ले लिया.

इंसानियत दिखाकर फंस गया... ट्रेन में अंकल टाइप यात्रियों ने ले ली सीट, पूरे सफर में नौजवान यात्री का हुआ बुरा हाल
ट्रेन में कपड़े सुखाने लगे दो बुजुर्ग, पड़ोस वालों की ऐसी हो गई हालत

ट्रेन का सफर सबसे शानदार और यादगार होता है, क्योंकि इसमें इंसान दो से तीन दिनों तक भी सफर करता है. ट्रेन का सफर छोटा हो या बड़ा, लेकिन यादगार होता है, लेकिन यह सबके लिए नहीं हैं, क्योंकि एक रेडिट यूजर ने बताया है कि उसका ट्रेन का सफर उस वक्त उसके लिए गले की फांस बन गया, जब उसके कोच में कुछ ऐसे अंकल टाइप यात्री चढ़ गए, जिन्होंने उसकी लोअर बर्थ सीट को ले लिया. इस शख्स ने अपनी पूरी आपबीती अपने रेडिट पोस्ट में सुनाई है. अपने पोस्ट के टाइटल में शख्स ने लिखा है, 'हर बार इंसानियत दिखाकर तंग आ गया हूं'.

सीट ना मिलने से परेशान यात्री (Passenger Is sick of being kind every time)

उसने बताया, 'मुझे ट्रेन में लोअर बर्थ मिला था, ट्रेन में चढ़ने के बाद कुछ लोगों का ग्रुप मेरे वाले कोच में चढ़ा और अपनी-अपनी सीट पर बैठने लगा, उन्होंने मुझे से अनुरोध किया मैं लोअर बर्थ उन्हें दे दूं और ऊपर जाकर बैठ जाऊं, तो मैंने उनकी बात मान ली, मैं उज्जैन जा रहा था कुछ देर बाद, दोपहर के भोजन का समय हो रहा था, इसलिए उनमें से एक ने मुझे किसी दूसरी सीट पर जाने को कहा ताकि वे साथ में दोपहर का भोजन कर सकें (उनकी सभी सीटें एक साथ नहीं थीं), मैंने इंसानियत दिखाते हुए उन्हें सीट दे दी और कुछ देर के लिए सीट बदल ली, लेकिन एक घंटा बीत जाने के बाद भी वो सीट से नहीं हिले और बर्थ में अपने कपड़े भी सुखाने लगे, जब मैंने सीट खाली करने को कहा, तो बोले, अरे ये तो यंग लोग हैं कहीं भी बैठ सकते हैं, हम तो बूढ़े हो रहे हैं'.
 

Sick of being kind everytime
byu/lost-fella inindianrailways

लोगों ने कहा खुद लड़ना होगा (Passenger Train Worst Journey Viral)
यह शख्स परेशान हुआ और अपने पोस्ट में लिखा, 'क्या हमने ही ठेका ले रखा है क्या बड़ों को सम्मान देने का, पता नहीं इन बुजुर्गों को क्या हो गया है? उन्हें लगता है कि अपने से छोटे हर व्यक्ति पर उनका एक तरह का अधिकार है. इस पोस्ट पर लोगों ने भी कमेंट्स पोस्ट किए हैं. इस पर एक ने लिखा है, 'तुमने टिकट के लिए उतने ही पैसे चुकाए थे, है ना? काइंडनेस अब पहले जैसी नहीं रही, अब यह एक कमजोरी है, तुम्हें अपना बचाव खुद करना होगा, कोई भी तुम्हारे लिए ऐसा नहीं कर सकता, अगर तुम्हें अपनी सीट चाहिए, तो दृढ़ रहो, तुमने पैसे दिए हैं, तुम्हें इसके लिए लड़ना होगा'. एक और लिखता है, 'जब बात सिविक सेंस की आती है, तो इंडियन अंकल सबसे बुरे होते हैं'.

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