प्रतीकात्मक तस्वीर
कोलकाता:
पश्चिम बंगाल के पश्चिम मिदनापुर जिले के डेबरा ब्लॉक में मकड़ी ने आठ ग्रामीणों को काट लिया। इसके बाद ग्रामीणों में दहशत का माहौल है। गंभीर एलर्जी से पीड़ित ग्रामीणों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
अधिकारियों ने बुधवार को बताया, 'मकड़ी के काटने के बाद सूजन और चुभन महसूस होने के चलते आठ ग्रामीणों को डेबरा ग्रामीण अस्पताल में भर्ती कराया गया।' वहीं अस्पताल के एक अधिकारी ने बताया, 'बीते कुछ दिनों में हमने कम से कम आठ लोगों को भर्ती कराया। बड़े बालों वाली मकड़ी ने उन्हें काटा। उन्हें लगातार जलन की शिकायत थी। काटने वाली जगह पर सूजन थी। दो लोग अभी भी अस्पताल में है। बाकियों को छुट्टी दे दी गई है।'
अधिकारियों के मुताबिक, इस खबर के बाद सभी ग्रामीणों को सतर्क कर दिया गया है। मिदनापुर मेडिकल कॉलेज के अधिकारियों ने एक व्यक्ति के अस्पताल में होने की पुष्टि की है। पश्चिमी मिदनापुर के जिला मजिस्ट्रेट जगदीश प्रसाद मीणा ने कहा, 'प्रभावित लोगों का इलाज चल रहा है।'
मकड़ी की पहटान टारेंटुला के रूप में हुई
भारतीय प्राणी सर्वेक्षण के निदेशक कैलाश चंद्र ने बताया कि काटने वाले कीट की पहचान टारेंटुला मकड़ी के रूप में की गई है। कैलाश चंद्र ने कहा, 'कीट विज्ञानी शंकर तालुकदार को तस्वीरें दिखाई गईं, इसकी पहचान टारेंटुला के रूप में की गई है। इस अलग तरह की मकड़ी का काटना घातक नहीं, बल्कि इससे एलर्जी हो सकती है।'
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
अधिकारियों ने बुधवार को बताया, 'मकड़ी के काटने के बाद सूजन और चुभन महसूस होने के चलते आठ ग्रामीणों को डेबरा ग्रामीण अस्पताल में भर्ती कराया गया।' वहीं अस्पताल के एक अधिकारी ने बताया, 'बीते कुछ दिनों में हमने कम से कम आठ लोगों को भर्ती कराया। बड़े बालों वाली मकड़ी ने उन्हें काटा। उन्हें लगातार जलन की शिकायत थी। काटने वाली जगह पर सूजन थी। दो लोग अभी भी अस्पताल में है। बाकियों को छुट्टी दे दी गई है।'
अधिकारियों के मुताबिक, इस खबर के बाद सभी ग्रामीणों को सतर्क कर दिया गया है। मिदनापुर मेडिकल कॉलेज के अधिकारियों ने एक व्यक्ति के अस्पताल में होने की पुष्टि की है। पश्चिमी मिदनापुर के जिला मजिस्ट्रेट जगदीश प्रसाद मीणा ने कहा, 'प्रभावित लोगों का इलाज चल रहा है।'
मकड़ी की पहटान टारेंटुला के रूप में हुई
भारतीय प्राणी सर्वेक्षण के निदेशक कैलाश चंद्र ने बताया कि काटने वाले कीट की पहचान टारेंटुला मकड़ी के रूप में की गई है। कैलाश चंद्र ने कहा, 'कीट विज्ञानी शंकर तालुकदार को तस्वीरें दिखाई गईं, इसकी पहचान टारेंटुला के रूप में की गई है। इस अलग तरह की मकड़ी का काटना घातक नहीं, बल्कि इससे एलर्जी हो सकती है।'
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
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