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नोएडा के 14 साल के लड़के अंतरिक्ष में कर डाली खोज, अब खुद रखेगा एस्टेरॉयड का नाम, NASA ने दी मान्यता

नोएडा में रहने वाले एक छात्र ने नया ऐस्टेरॉयड खोजा है, जिसे नासा ने मान्यता और एक नाम भी दिया है. 14 साल के दक्ष मलिक नौवीं में पढ़ते हैं.

नोएडा के 14 साल के लड़के अंतरिक्ष में कर डाली खोज, अब खुद रखेगा एस्टेरॉयड का नाम, NASA ने दी मान्यता
NASA ने नोएडा के 14 साल के लड़के की खोज को दी मान्यता, डेढ़ साल से ज्यादा की मेहनत

Noida Students Space Discovery: नोएडा के एक 14 साल के लड़के ने ऐसा कारनामा कर दिखाया है, जिसे सुनकर शायद आपको यकीन नहीं होगा. शिव नाडर स्कूल के क्लास 9वीं के छात्र दक्ष मलिक ने एक एस्टेरॉयड खोजा है, जिसे नासा ने भी मान्यता दे दी है. यही नहीं, इस खोज के बाद अब दक्ष को उसे नाम देने का भी मौका मिलेगा. फिलहाल इस एस्टेरॉयड को '2023 OG40' के अस्थायी नाम से पहचाना जा रहा है. इस इंटरनेशनल लेवल की खोज का सफर एक ईमेल से शुरू हुआ. दक्ष और उसके दो दोस्तों को अपने स्कूल के एस्ट्रोनॉमी क्लब से एक ईमेल मिला, जिसमें International Asteroid Discovery Project (IADP) के बारे में बताया गया था. यह NASA से जुड़ी हुई एक नागरिक विज्ञान पहल है, जो दुनियाभर के छात्रों को एस्टेरॉयड खोजने का मौका देती है. दक्ष और उसकी टीम ने IASC (International Astronomical Search Collaboration) से डेटासेट डाउनलोड किए, फिर Astronomica Software की मदद से उन्हें कैलिब्रेट किया. इसके बाद लाइट एमिशन और ऑब्जेक्ट मूवमेंट को ध्यान से स्टडी किया.

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नेशनल जियोग्राफिक से मिली स्पेस की दीवानगी

दक्ष ने इस अनुभव को मज़ेदार बताते हुए कहा, "मुझे ऐसा लग रहा था जैसे मैं NASA में ही काम कर रहा हूं." दक्ष को हमेशा से अंतरिक्ष और ब्रह्मांड में दिलचस्पी थी. वह नेशनल जियोग्राफिक पर डॉक्यूमेंट्री देखकर बड़े-बड़े ग्रहों और गैलेक्सियों के बारे में सीखता था. इस प्रोजेक्ट में हर साल 6,000 से ज्यादा लोग शामिल होते हैं, लेकिन उनमें से बहुत कम ही लोग वास्तव में एस्टेरॉयड खोज पाते हैं. इससे पहले सिर्फ 5 भारतीय छात्रों को ही ऐसा मौका मिला था कि वे किसी एस्टेरॉयड को नाम दे सकें.

नाम सोचकर भी उड़ाए सबके होश

अब दक्ष इस खोज को एक कदम और आगे ले जाने के मूड में है. एस्टेरॉयड का नाम सोचने के लिए उसने जो लिस्ट बनाई है, वो भी काफी दिलचस्प है. फिलहाल उसके दो ऑप्शन सबसे ज्यादा चर्चा में हैं:-Destroyer of the World , Countdown. 

नासा की फाइनल मुहर बाकी

अब नासा इस खोज की फाइनल वेरिफिकेशन करेगा, जिसमें 4-5 साल लग सकते हैं, लेकिन दक्ष के लिए यह सफर ही किसी सपने से कम नहीं है. एक आम भारतीय स्टूडेंट से लेकर एक एस्टेरॉयड डिस्कवरर बनने तक का यह सफर सच में कमाल का है. अब बस इंतजार इस बात का है कि वह अपने एस्टेरॉयड का नाम क्या रखता है.

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