
भारत की हाईटेक सिटी बेंगलुरु को कहा जाता है और यह देश का मेट्रोपॉलिटन शहर भी है. बेंगलुरु में हाई प्रोफाइल नौकरीपेशा लोगों की तादाद ज्यादा है और यहां हर साल देश से कई नौजवान नौकरी करने जाते हैं. ऐसे में बेंगलुरु में ट्रैफिक की बड़ी समस्या बढ़ती ही जा रही है. बेंगलुरु जाकर नौकरी करने वाले लोगों ने सोशल मीडिया पर इस शहर के ट्रैफिक जाम को लेकर कई बार पोस्ट शेयर किए हैं. अब नौ महीने पहले बेंगलुरु में शिफ्ट होने वाले एक शख्स ने भी कुछ ऐसा ही पोस्ट शेयर किया है. इस शख्स ने बेंगलुरु में पैदल यात्रियों की सुरक्षा, ट्रैफिक, भाषा और सैलरी स्टैंडर्ड जैसे मुद्दे पर बात छेड़कर इंटरनेट पर डिबेट शुरु करवा दी है. इस शख्स ने रेडिट पर अपना एक पोस्ट शेयर किया है.
शख्स ने गिनाईं बेंगलुरु की कमियां और खूबियां (Bengaluru Offers Worst Traffic Jams)
शख्स ने अपने पोस्ट में बेंगलुरु पर अपने विचारों में इसकी खूबियां और कमियों पर बात की हैं. साथ ही बेंगलुरु को देश के अन्य मेट्रोपॉलिटिशन शहर दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद और कोलकाता से भी कंपेयर किया है. शख्स ने पोस्ट में लिखा है, 'यह मेरे ओपिनियन हैं, जैसा कि मैं दिल्ली, गुरुग्राम, मुंबई, पुणे, कोलकाता और हैदराबाद में रह चुका हूं'. शख्स ने कहा कि बेंगलुरु देश का सबसे अधिक पैदल चलने योग्य शहर हैं और कमाल की बात यह है कि यहां इलेक्ट्रॉनिक्स और ऑटोमोटिव इंडस्ट्री में सबसे ज्यादा वेतन दिया जाता है'. शख्स ने शहर में मौजूद अधिक काम-धंधे होने की प्रशंसा की और कहा कि यहां 'देश की बेस्ट कॉफी' भी मिलती है. भाषा पर शख्स ने कहा कि बस या मेट्रो यात्रा के दौरान यहां अधिकांश भाषाएं सुनी जा सकती हैं.
Sharing my experience after living in the city for 9 months...
byu/adamfloyd1506 inBengaluru
लोगों ने दिए मिक्स रिएक्शन (Bengaluru Traffic Jams Post)
इस शख्स ने शहर की कमियां गिनाते हुए कहा कि यहां किराया (मुंबई के बाद) सबसे महंगा है. यहां ट्रैफिक जाम की समस्या सबसे अधिक है. चीजों की होम डिलीवरी की गति सबसे धीमी है. साथ ही कहा कि सोशल मीडिया पर सबसे अधिक अपमानजनक न्यूज और वीडियो भी यहां देखे जाते हैं. अब इस शख्स के इस पोस्ट पर लोगों के बीच बहस छिड़ गई है. कुछ इस शख्स की बात से सहमत हो रहे हैं तो कुछेक ने असहमति जताई है. एक यूजर ने लिखा, 'मुझे लगता है कि आप सही कह रहे हैं, लेकिन उनमें से कुछ बातें गलत भी हैं'. एक ने सवाल किया, 'क्या आपने मुंबई में मराठी या हैदराबाद में तेलुगु की तुलना में कन्नड़ कम सुनी है, सच में?. एक और ने कहा, 'मैं सहमत नहीं हूं, अगर आप ऐसा कह रहे हैं तो आप हैदराबाद और दिल्ली को अच्छी तरह से नहीं जानते हैं'. एक और यूजर लिखता है, 'केवल 9 महीनों रहकर आप राय नहीं दे सकते, कृपया 3 महीने और इंतजार करें'.
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