सड़कों का बुरा हाल बताने के लिए रिपोर्टर बनी ये छोटी बच्ची, सोशल मीडिया पर Video वायरल, हर कोई हुआ फैन

इस छोटी बच्ची ने इंटरनेट पर एक अपनी रिपोर्टिंग से धमाल मचा दिया है,लोग उसके कवरेज के लिए उसकी जमकर तारीफ कर रहे हैं और हर कोई उसका फैन हो गया है.

सड़कों का बुरा हाल बताने के लिए रिपोर्टर बनी ये छोटी बच्ची, सोशल मीडिया पर Video वायरल, हर कोई हुआ फैन

सड़कों का बुरा हाल बताने के लिए रिपोर्टर बनी ये छोटी बच्ची

कश्मीर की एक छोटी लड़की का एक दिल जीत लेने वाला वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जो गलियों और उपनगरों की खराब स्थिति को दिखाने के लिए रिपोर्टर (Reporter) बन गई है,इस छोटी बच्ची ने इंटरनेट पर एक अपनी रिपोर्टिंग से धमाल मचा दिया है,लोग उसके कवरेज के लिए उसकी जमकर तारीफ कर रहे हैं और हर कोई उसका फैन हो गया है. गुलाबी जैकेट पहने लड़की,जिसका नाम और वह जगह जहां वह वीडियो शूट कर रही थी, उसकी तत्काल पुष्टि नहीं की जा सकती है,वीडियो में आप देख सकते हैं कि बच्ची शिकायत कर रही है कि सड़कों का बुरा हाल होने की वजह से मेहमान उसके घर नहीं आ सकते.

देखें Video:

"सड़क इतनी खराब है कि मेहमान भी नहीं आ सकते," लड़की ने अपने कैमरा पर्सन, जिसे वह "माँ" कहकर बुलाती है, उन्हें सड़कों के गड्ढों को दिखाने के लिए कहती है.

कश्मीर घाटी में हाल ही में भारी बर्फबारी और बारिश हुई है.

यह बताते हुए कि कैसे कीचड़ और बारिश ने स्थिति को और खराब कर दिया है, लड़की एक मोबाइल फोन पर शूट किए गए 2.08 मिनट के वीडियो में गड्ढों को दिखाते हुए सड़क पर आगे चली जाती है. लड़की ने दिखाया कि कैसे लोग सड़कों पर कचरा फेंक रहे हैं और चिल्ला रहे हैं कि "सब गंदा हो गया है."

उत्साही छोटी रिपोर्टर दर्शकों से "लाइक, शेयर और सब्सक्राइब" करने के लिए भी कहती है और अगले वीडियो में उनसे मिलने का वादा करती है. वीडियो को कई ट्विटर यूजर्स ने शेयर किया है और इसे एक लाख से ज्यादा बार देखा जा चुका है.

यह पहली बार नहीं है जब घाटी के किसी बच्चे ने वीडियो संदेशों के जरिए अधिकारियों से अपील की है.
पिछले साल, छह वर्षीय महिरू इरफान द्वारा प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को संबोधित 71-सेकंड के एक वीडियो ने ऑनलाइन कक्षाओं की अवधि पर एक कैप की मांग की थी, कश्मीर की ये लड़की रातोंरात सोशल मीडिया पर छा गई थी. 

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वीडियो ने जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा का ध्यान खींचा था, जिन्होंने स्कूली शिक्षा विभाग को स्कूली छात्रों पर होमवर्क का बोझ कम करने के लिए 48 घंटे में एक नीति लाने का निर्देश दिया था.