पिछले साल सितंबर में 31 वर्षीय अनूप एम. ने 25 करोड़ रुपये की लॉटरी जीती थी लेकिन अब वह यही कहते हैं कि ‘‘काश, मैंने लॉटरी नहीं जीती होती''. उन्होंने कहा कि वह जाने-अनजाने लोगों से परेशान हो गए हैं जो आए दिन वित्तीय मदद मांगते रहते हैं. आज अनूप राज्य सरकार के लॉटरी कारोबार का हिस्सा हैं और यकीनन वह केरल के एकमात्र करोड़पति लॉटरी एजेंट हैं. अनूप इससे पहले ऑटो चालक थे लेकिन अब वह केरल राज्य लॉटरी की क्रमवार संख्या को सूचीबद्ध करने में व्यस्त हैं और अपने टिकट बेचने के लिए संभावित ग्राहकों से संपर्क करते हैं.
लॉटरी की अपनी नयी दुकान ‘एम ए लकी सेंटर' में उनका आईफोन हमेशा मानो उनके कान पर ही रहता है क्योंकि उनके फोन पर लगातार ग्राहकों के फोन आते रहते हैं. केरल के लॉटरी इतिहास में अब तक के सबसे बड़े विजेता बनकर उभरे अनूप कुछ सप्ताह पहले तक भागते फिरते थे. उन्होंने वित्तीय मदद मांगने वालों को चकमा देने की कला में महारत हासिल कर ली थी.
वह लगातार अपना आवास बदल रहे थे ताकि जरूरतमंद लोगों की उनके घर पर भीड़ न लगे. चूंकि चीजें अब शांत हो गई हैं तो अब उनकी नयी आलीशान जीवनशैली अब धीरे-धीरे पटरी पर लौट रही है. अनूप ने पत्रों के बंडल को छांटते हुए कहा, ‘‘कुछ खास नहीं बदला है.''
हाथ में सोने का मोटा ब्रेसलेट और गले में सोने की मोटी चेन पहने अनूप ने ‘पीटीआई-भाषा' से कहा, ‘‘मुझे अब भी अनगिनत पत्र मिलते हैं, सभी मुझसे वित्तीय मदद मांगते हैं और कई लोग मेरी दुकान पर आकर मुझसे मदद मांगते हैं. मैं कोशिश करता हूं.'' अनूप अब केरल सरकार के स्वामित्व वाले लॉटरी व्यवसाय का एक चेहरा हैं. केरल सरकार का यह व्यवसाय अब हर रोज करोड़पति बना रहा है.
केरल लॉटरी विभाग में एक लाख से अधिक पंजीकृत एजेंट हैं. उनके अधीन कई अपंजीकृत उप-एजेंट और हॉकर हैं, जो इसे प्रभावी रूप से राज्य के कई लाख लोगों की आजीविका बनाते हैं.
राज्य लॉटरी निदेशालय के प्रचार अधिकारी बी टी अनिल कुमार ने ‘पीटीआई-भाषा' से कहा, ‘‘सरकार की सामाजिक कल्याण योजनाओं में जनता की भागीदारी की तलाश करना सरकार की नीति है. लॉटरी बिक्री के माध्यम से एकत्र किए गए सभी धन का उपयोग सरकार की विभिन्न सामाजिक कल्याण योजनाओं को लागू करने के लिए किया जाता है.'
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