
फाइल फोटो
Quick Reads
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
फैज सिद्दीकी ने कहा कि 'उबाऊ' पढ़ाई के चलते द्वितीय श्रेणी की डिग्री मिली
अंतरराष्ट्रीय वाणिज्यिक वकील के तौर पर करियर में उसकी आय प्रभावित हुई
हाईकोर्ट ने इस हफ्ते सुनवाई की. महीने के अंत में अदालत फैसला सुना सकती है
फैज सिद्दीकी ने विश्वविद्यालय के ब्रासनोस कॉलेज में आधुनिक इतिहास की पढ़ाई की थी. उसने कॉलेज के कर्मचारियों पर भारतीय साम्राज्य संबधी इतिहास से संबंधित अपने विशेष विषय पाठ्यक्रम के 'लापरवाह' शिक्षण का आरोप लगाया और कहा कि इसके कारण वर्ष 2000 में उसे कम अंक मिले.
लंदन के हाईकोर्ट ने इस हफ्ते मामले में सुनवाई की. इस महीने के आखिर में अदालत फैसला सुना सकती है. 'द संडे टाइम्स' अखबार की खबर के अनुसार सिद्दीकी के वकील रोजर मलालियू ने न्यायाधीश से कहा कि समस्या तब आई जब एशियाई इतिहास पढ़ाने वाले सात शिक्षण कर्मचारियों में से चार शैक्षणिक वर्ष 1999-2000 के दौरान अध्ययन अवकाश पर चले गए. सिद्दीकी का मानना है कि अगर उसे निचले ग्रेड नहीं मिले होते तो अंतरराष्ट्रीय वाणिज्यिक वकील के तौर पर उसका करियर और बेहतर होता.
उसने कहा कि इस दौरान हुई पढ़ाई के 'उबाऊ' होने के कारण उसका करियर प्रभावित हुआ, जिसके लिए विश्वविद्यालय जिम्मेदार है. सिद्दीकी अवसादग्रस्त है और उसे अनिद्रा की समस्या है. उसका कहना है कि इसका कारण 'परीक्षाओं के उसके निराशाजनक नतीजे' हैं.
विश्वविद्यालय का कहना है कि यह दावा आधारहीन है और मामला खारिज कर दिया जाना चाहिए, क्योंकि सिद्दीकी के पढ़ाई पूरी करने के बाद से काफी साल गुजर चुके हैं.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं