यह ख़बर 11 सितंबर, 2011 को प्रकाशित हुई थी

भारत में 2015 तक चार लाख करोड़पति होंगे

खास बातें

  • शानदार आर्थिक वृद्धि और शेयर व प्रापर्टी बाजारों में बेहतर मुनाफे के कारण इनकी संख्या 2015 तक दोगुनी से अधिक 4.03 लाख हो जाएगी।
नई दिल्ली:

करोड़पतियों की जमात में सनसनी फैलने वाली है क्योंकि शानदार आर्थिक वृद्धि और शेयर व प्रापर्टी बाजारों में बेहतर मुनाफे के कारण इनकी संख्या 2015 तक दोगुनी से अधिक 4.03 लाख हो जाएगी। एशियन वेल्थ मार्केट ने अपनी रपट में कहा कि 10 लाख डॉलर की न्यूनतम निवेश योग्य संपत्ति रखने वाले इन करोड़पतियों की कुल संपत्ति 2015 तक करीब ढाई गुनी 2,500 अरब डालर हो जाएगी। निवश बैंकिंग क्षेत्र की प्रमुख कंपनी सीएलएसए ने अपनी रपट में कहा कि भारत में 2010 के अंत तक 1,73,000 करोड़पति थे जिनकी कुल संपत्ति 949 अरब डॉलर (42,00,000 करोड़ रुपए) थी। रपट में कहा गया कि 2015 तक 4,03,000 करोड़पति होंगे जिनके पास निवेश योग्य संपत्ति कम से कम 10 लाख डॉलर होगी और उनकी संयुक्त संपत्ति 2,465 अरब डॉलर (1,00,00,000 करोड़ रुपए) होगी। सीएलएसए ने कहा कि तेज आर्थिक वृद्धि और प्रमुख परिसंपत्तियों से शानदार मुनाफे के कारण भारत में संपत्ति वृद्धि की संभावना बहुत मजबूत है। कंपनी ने कहा शेयर बाजार को सालाना 14 फीसद का मुनाफा देना चाहिए जबकि हमारा अनुमान है कि भारतीय संपत्तियों से होने वाले मुनाफे में सालाना औसतन पांच फीसद की बढ़ोतरी होगी। जापान को छोड़कर पूरे एशिया के संपत्ति बाजार का आकलन करने वाली इस रपट में कहा गया कि भारत में इस क्षेत्र के 15 फीसद करोड़पति हैं जो चीन के बाद दूसरे नंबर पर है जहां इस क्षेत्र के 44 फीसद करोड़पति रहते हैं। सीएलएसए ने कहा कि 2010 के आखिर तक भारत में हर पांच हजार वयस्क आबादी पर सिर्फ एक करोड़पति थे जबकि 2015 तक यह तादाद बढ़कर हर 2000 वयस्क व्यक्तियों में एक करोड़पति की होगी। सीएलएसए ने कहा कि चीन में 2015 तक करोड़पतियों की संख्या में नौ लाख से ज्यादा की बढ़ोतरी होगी इस तरह इस क्षेत्र के आधे से ज्यादा करोड़पति चीन में होंगे।


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