यह ख़बर 05 जून, 2013 को प्रकाशित हुई थी

बेंगलुरु में छत पर पानी की टंकी के नीचे बांध कर रखा गया वृद्ध को!

खास बातें

  • बताया जा रहा है कि आजाद कराने से पहले कैद में काफी देर तक चीख रहे थे। उन्हें पांव मोड़ कर बांधे गए थे और एक खाली प्लेट उनके सामने पड़ी थी। वरिष्ठ पुलिस अधिकार रेवन्ना ने बताया कि जिस स्थान पर उन्हें बांधा गया था वहां काफी गंदगी और काफी बदबू भी आ रही थी।
बेंगलुरु:

बेंगलुरु में पुलिस की मदद से कुछ लोगों ने एक वरिष्ठ नागरिक को आजाद कराया जिसे उसके ही बेटे ने ही कथित रूप से छत पर पानी की टंकी के नीचे बांध कर रखा था।

एक स्थानीय चैनल से बात करते हुए आजाद हुए वरिष्ठ नागरिक ने कहा कि उन्होंने मुझे आज बांध दिया और खाना दिया, चावल दिया और सारू दिया।

बताया जा रहा है कि आजाद कराने से पहले कैद में काफी देर तक चीख रहे थे। उन्हें पांव मोड़ कर बांधे गए थे और एक खाली प्लेट उनके सामने पड़ी थी। वरिष्ठ पुलिस अधिकार रेवन्ना ने बताया कि जिस स्थान पर उन्हें बांधा गया था वहां काफी गंदगी और काफी बदबू भी आ रही थी।

पुलिस का कहना है कि वृद्ध व्यक्ति को इलाज के लिए अस्पताल में भेज दिया गया है। साथ ही पुलिस ने कहा कि बेटे के खिलाफ वह मामला दर्ज करेगी।

वहीं, वृद्ध के बेटे सुरेश हनुमंथैया शेट्टी का कहना है कि वह मिडिल क्लास आदमी है और पिता को चेन से बांधना लगभग रोज का काम है। उसका कहना है कि उसके पिता घर को लगातार गंदा करते रहते थे, इसलिए सुबह उन्हें छत पर लाया जाता और शाम को वापस घर के अंदर ले जाते थे।

उसने कहा कि हम पिता को तीन बार सुबह, दोपहर और शाम को खाना देते हैं और रोज नहलाते हैं।

वहीं, वृद्ध की बहू कल्पना ने सफाई में कहा कि ससुर को उनकी भलाई के लिए ही बांधा गया था। उसका कहना है कि ससुर अकसर डायरिया के शिकार हो जाते हैं और घर गंदा कर देते हैं, लेकिन इस कारण से उन्हें न ही बांधा गया और न ही छत पर रखा गया।

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कल्पना ने कहा कि हम इसलिए बांध देते थे कि कहीं वह सीढ़ी से गिर न जाएं क्योंकि दूसरे बेटे के घर में छह माह पहले वह एक बार सीढ़ी से गिर गए थे।