आईएफएस ऑफिसर सुधा रमन (IFS Officer Sudha Ramen) द्वारा हाथी का पीछा करते हुए भीड़ को दिखाते हुए एक वीडियो साझा करने से लोगों में गुस्सा फूट पड़ा है. सुधा रमन ने वीडियो शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा, 'शब्द नहीं हैं!! आश्चर्य है कि यहां कौन जानवर है.' वीडियो में हाथी को भागते हुए दिखाया है. उसके पीछे कई लोग दौड़ (Elephant Chased By Huge Crowd) रहे हैं. वायरल हो रहे वीडियो (Viral Video) में लोगों को हंसते हुए और चीखते हुए देखा गया. यह स्पष्ट नहीं है कि वीडियो कब या कहां कैप्चर किया गया था.
देखें Video:
No words!! Wondering who is the animal here pic.twitter.com/LAcY276HdX
— Sudha Ramen IFS (@SudhaRamenIFS) March 17, 2021
अपने स्वयं के ट्वीट का जवाब देते हुए, रमन ने इस घटना के बारे में अपनी राय साझा की. उन्होंने लिखा, 'मनुष्यों के विपरीत, जानवर अपनी सीमाओं को जानते नहीं हैं. जब हाथियों की बात आती है, तो पारित होने की यादें पीढ़ी दर पीढ़ी चली जाती हैं. वन क्षेत्रों के आसपास या गलियारों के आसपास रहने वाले लोगों को घबराना नहीं चाहिए, क्योंकि इससे जानवर ट्रिगर हो सकते हैं. उन्हें भी वहां से निकलने का अधिकार है.'
Unlike humans, animals don't limit or know their boundaries. When it comes to elephants, the memories of passage are carried across generations. People living near forest areas or near d corridors should not panic, as this could trigger d animal. They too have d right to passage.
— Sudha Ramen IFS (@SudhaRamenIFS) March 17, 2021
साथ ही उन्होंने लिखा, 'भारत भर में, वन विभाग इस मुद्दे को हल करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहा है. आपको बता दें, प्रत्येक मामला अलग है और कोई 'एक-समाधान' नहीं है. मानव जाति का दबाव घने जंगलों और वन्यजीवों पर बढ़ रहा है, इसलिए जानवर समान रूप से तनाव में हैं. जागरूकता ही कुंजी है.'
Across India, the forest department has been working hard to address this issue. Let me tell you, each case is different and there is no 'one-solution'. Anthropogenic pressure is mounting up over d forests & wildlife, so the animals are equally the same stress. Awareness is d key
— Sudha Ramen IFS (@SudhaRamenIFS) March 17, 2021
फिर उन्होंने लिखा, 'जो लोग वास्तव में चिंतित हैं, इस समस्या को कम करने के लिए फॉरेस्ट डिपार्टमेंट द्वारा किए गए समस्या और कामों को समझने का प्रयास करते हैं. हम ऐसे वास्तविक सरोकारों की सराहना करते हैं, न कि दूसरों की जो हमेशा उंगलियों की ओर इशारा करते हैं. कई लोगों के लिए यह सिर्फ सोशल मीडिया है, हमारे लिए यह हमारा पेशा है और हम जुनून के साथ काम करते हैं.'
People who are really concerned give efforts to understand d problem& d works done by the FDs to mitigate this issue. We appreciate such genuine concerns& not others who always point fingers. For many this is just social media, for us this is our profession& we work with passion.
— Sudha Ramen IFS (@SudhaRamenIFS) March 17, 2021
उन्होंने लिखा, 'इन वीडियो को साझा करने का कारण इस तरह के मुद्दों के बारे में खुद को शिक्षित करना और यह जानना है कि हमें ऐसे मामलों में कैसे व्यवहार करना है. जो लोग इसे समझते हैं वे जागरूक रहेंगे और दूसरों को भी शिक्षित करेंगे.'
The reason for sharing these videos is to educate ourself about such issues and to know how we have to behave in such cases. People who understand this will stay aware and will also educate others around!!!
— Sudha Ramen IFS (@SudhaRamenIFS) March 17, 2021
ट्विटर पर लोगों ने ऐसे रिएक्शन्स दिए हैं...
The poor elephant! It's important to educate people and educate our children from school age, about kindness and respect for animals and our environment. Disgraceful behaviour of humans never fail to floor me.
— Tho Kya (@kya_tho) March 18, 2021
The elephant isn't trespassing on their land, they are trespassing on the elephant's.
— Jonathan (@Nobilis619) March 17, 2021
— Kartikey (@feudallord2468) March 17, 2021
Appalling
— harsh pupneja (@pupneja_harsh) March 17, 2021
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