यह सुनने में अविश्वसनीय सा लगता है लेकिन सच है. हिमाचल प्रदेश में दुनिया के सबसे ऊंचे मतदान केन्द्र ताशिगांग गांव में रविवार को 142.85 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया और सभी वोटों को वैध घोषित किया गया. देश की इस सबसे बड़ी लोकतांत्रिक कवायद में एक और विशेष बात सामने आई जहां स्पीति घाटी के ताशिगांग में ही सबसे छोटे मतदान केंद्र ‘का' में मतदान प्रतिशत 81.25 फीसदी से अधिक दर्ज किया गया. ‘का' में कुल 13 मतदाताओं ने मतदान किया.
एसडीएम जीवन नेगी ने कहा कि ताशिगांग की मतदाता सूची में महज 49 पंजीकृत मतदाता हैं और कुल 70 मतदाताओं ने गांव के मतदान केंद्र पर वोट डाला. मतदान प्रतिशत में इस अविश्वसनीय बढ़ोतरी की वजह ताशिगांग और आसपास के अन्य मतदान केंद्रों पर तैनात कई निर्वाचन अधिकारियों की 15,256 फुट ऊंचाई पर स्थित दुनिया के सबसे ऊंचे मतदान केंद्र पर वोट डालने की इच्छा रही.
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ताशिगांग गांव के कुल 49 पंजीकृत मतदाताओं में से कुल 36 ग्रामीणों ने मतदान किया. इनमें 21 पुरुष और 15 महिलाएं हैं. उन्होंने कहा कि चुनाव अधिकारियों ने संबंधित सहायक निर्वाचन अधिकारियों द्वारा उन्हें जारी चुनाव कर्तव्य प्रमाणपत्र (ईडीसी) दिखाने के बाद ताशिगांग मतदान केंद्र पर वोट डाले.
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ताशिगांग हिमाचल प्रदेश में एक प्राचीन बौद्ध मठ के पास स्थित गांव है. यह भारत-तिब्बत सीमा के पास स्पीति घाटी में सबसे ऊंचा गांव है. यहां मतदान सुबह सात बजे शुरू हुआ जब तापमान जमाव बिन्दु से नीचे था. मतदाता कड़कड़ाती ठंड में अपने पारंपरिक परिधानों में मतदान केन्द्र पर आए.
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ताशिगांग और ‘का' दोनों मतदान केंद्र मंडी संसदीय क्षेत्र में आते हैं जहां राज्य की चार लोकसभा सीटों में सर्वाधिक 17 उम्मीदवार खड़े हैं. मंडी में सीधा मुकाबला भाजपा के मौजूदा सांसद राम स्वरूप शर्मा और कांग्रेस उम्मीदवार आश्रय शर्मा के बीच है. आश्रय पूर्व केंद्रीय मंत्री सुखराम के पौत्र हैं.
(इनपुट-भाषा)
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