
- हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले में बादल फटने से होजो नाला में 4 मजदूर दो दिन से फंसे हैं और मदद मांग रहे हैं.
- मजदूरों ने बताया कि वे एक कंपनी में काम कर रहे थे और पत्थर गिरने से नदी का जलस्तर बढ़ने के कारण फंसे हुए हैं.
- किन्नौर समेत हिमाचल के पांच इलाकों में बादल फटने और बाढ़ के कारण पुल, सड़कें टूट गईं और भारी तबाही हुई है.
हिमाचल प्रदेश के किन्नौर में बुधवार शाम को अचानक आई बाढ़ (Kinnaur Cloudburst) ने भयानक तबाही मचा दी. ऋषि डोगरी घाटी में बादल फटने से होजो नाला में ऐसी बाढ़ आई कि 4 मजदूर फंस गए हैं. बाढ़ की तस्वीरें डरा देने वाली हैं. फंसे हुए ये मजदूर प्रशासन , एनडीआरएफ और सेना से लगातार मदद की गुहार लगा रहे हैं., ताकि उनको वहां से बाहर निकाला जा सके. बता दें कि किन्नौर जिले में 2 दिन पहले बादल फटा था, तब से पूह के होजो नाले के दूसरे छोर पर 4 मजदूर फंसे हुए है.
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प्लीज हमें बाहर निकालो
मदद की गुहार लगा रहे इन मजदूरों का कहना है कि ये लोग यहां पर एक कंपनी में काम कर रहे थे. पत्थर गिरने से नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. रात को बारिश में भीगने के साथ जान का खतरा बना हुआ है. उनके साथ जानवरों को भी खतरा है. उनकी अपील है कि जल्द से जल्द उनको यहां से बाहर निकाला जाए.

हमें निकालने की कोशिश नहीं हो रही
मजदूरों ने कहा कि वह दो दिन से यहां फंसे हैं. उनको निकालने के लिए अब तक कोई नहीं पहुंचा. उन्होंने कहा कि गुरुवार रात को भी मौसम खराब था. ऊपर बादल फटा, वह यहां पर फंसे हुए हैं.कोई भी टीम उन तक नहीं पहुंची. जबकि ऊपर आर्मी बैठी है. NDRF की टीम भी यहां आई है, लेकिन इन लोगों ने उनको बाहर निकालने की कोई कोशिश नहीं की. कोई भी उनकी मदद के लिए आगे नहीं आ रहा है. उन्होंने हाथ जोड़कर विनती की कि जल्द से जल्द उनको बाहर निकाला जाए.
किन्नौर में बादल फटने से आई भीषण बाढ़
बता दें कि हिमाचल प्रदेश के पहाड़ों पर मॉनसून की बारिश कहर बनकर बरस रही है. आकाश से बरसी आफत ने राज्य के 5 इलाके शिमला, किन्नौर, लाहुल-स्पीति, और कुल्लू में तबाही मचा दी है. बादल फटने और बाढ़ के सैलाब ने घरों को निगल लिया, पुलों को तोड़ डाला, और सड़कों को तबाह कर दिया. शिमला के रामपुर में श्रीखंड महादेव के पास बादल फटने से गानवी घाटी में भारी बाढ़ आई, वहीं कुल्लू की तीर्थन घाटी में 5 गाड़ियां और चार कॉटेज बह गए. लाहुल-स्पीति की मयाड़ घाटी में 22 परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया, जबकि किन्नौर के पूह में आईटीबीपी कैंप की मशीनरी और 4 कर्मचारी फंस गए. दो नेशनल हाईवे समेत 323 सड़कें बंद हैं, और 2,031 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है.
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