गुजरात (Gujarat) के वडोदरा (Vadodara) में एक स्कूल के प्रिंसिपल (School Principal) ने सीमावर्ती क्षेत्रों में तैनात भारतीय सैनिकों को राखियां भेजी हैं. राखी भेजने के इच्छुक लोगों से उन्होंने पहले राखियां एकत्र कीं और फिर उन्होंने सरहद पर सैनिकों को राखियां भेंजी. वडोदरा के प्रिंसिपल का नाम है संजय बछाव. वो पिछले 5 साल से ऐसा कर रहे हैं.
संजय बछाव ने इसकी शुरुआत साल 2015 में की थी. सबसे पहले उन्होंने बॉर्डर पर सैनिकों को 75 राखियां भेजी थीं. फिर धीरे-धीरे कई लोगों ने उनकी मदद की और अब काफी संख्या में राखी बॉर्डर पर सैनिकों के लिए पहुंचाई जाती हैं. पहले वो स्कूल के बच्चों से राखियां लेते थे. लेकिन इस साल कोविड-19 के चलते स्कूल बंद हैं. ऐसे में आम लोग उनकी मदद के लिए आगे आए हैं.
न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए संजय बछाव ने कहा, 'मैंने 75 राखी के साथ साल 2015 में इसकी शुरुआत की थी. इस साल कोविड-19 की वजह से स्कूल बंद है. ऐसे में बच्चों से राखियां नहीं मिल पाई हैं.
Gujarat:Sanjay Bachhav,a school Principal from Vadodara collects rakhis from those willing to,&sends it to soldiers deployed in border areas.He says,"I started this in 2015 with 75 rakhis. We couldn't get rakhis from students this yr as schools are closed due to COVID."(16.07.20) pic.twitter.com/ZIBnWl9H6G
— ANI (@ANI) July 16, 2020
Himali Patel, a volunteer says, "We've received over 12,000 rakhis. Many NRIs have also sent us rakhis through their proxies in the country. We will put these rakhis in tricoloured boxes and send it to soldiers posted in Siachen, Galwan valley and Kargil". (16.07.2020) pic.twitter.com/hmJbl7cm81
— ANI (@ANI) July 17, 2020
स्वयंसेवक हिमाली पटेल ने कहा, 'हमें 12,000 से अधिक राखियां मिली हैं. कई एनआरआई ने भी देश में अपने प्रकोष्ठों के माध्यम से हमें राखी भेजी हैं. हम इन राखी को तिकोने बक्से में डालेंगे और सियाचिन, कारगिल, गैलवान घाटी और सियाचिन में तैनात सैनिकों को भेजेंगे.'
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