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This Article is From Jan 07, 2025

भूकंप से कांपा बिहार और नेपाल, गूगल सर्च पर टॉप ट्रेंड बना Earthquake

सुबह-सुबह नेपाल और भारत के बिहार में भूकंप के झटकों के बाद 'भूकंप' गूगल सर्च पर ट्रेंडिंग टॉपिक बन गया. गूगल ट्रेंड्स के अनुसार, केवल तीन घंटों में 50,000 से अधिक बार इस विषय को सर्च किया गया.

भूकंप से कांपा बिहार और नेपाल, गूगल सर्च पर टॉप ट्रेंड बना Earthquake
नेपाल और बिहार में महसूस हुए भूकंप के झटके, गूगल सर्च पर टॉप ट्रेंड बना Earthquake

मंगलवार सुबह नेपाल और भारत के बिहार में भूकंप के झटकों के बाद 'भूकंप' गूगल सर्च पर ट्रेंडिंग टॉपिक बन गया. गूगल ट्रेंड्स के अनुसार, केवल तीन घंटों में 50,000 से अधिक बार इस विषय को सर्च किया गया. सर्च वॉल्यूम में 1000% की बढ़ोतरी देखी गई, जिससे यह घटना सोशल मीडिया और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर चर्चा का मुख्य विषय बन गई.  

7.1 तीव्रता का भूकंप: नेपाल-चीन सीमा पर सबसे शक्तिशाली झटका  

भूकंप का सबसे तीव्र झटका 7.1 की तीव्रता का था, जो नेपाल-चीन सीमा के पास दक्षिणी तिब्बत क्षेत्र में आया. यह क्षेत्र 2015 के विनाशकारी नेपाल भूकंप के बाद सबसे बड़ा भूकंप झेल रहा है. 2015 के भूकंप ने लगभग 10,000 लोगों की जान ली थी. चीनी समाचार एजेंसियों के अनुसार, तिब्बत के कुछ प्रभावित क्षेत्रों में जनहानि की खबरें आई हैं, हालांकि सटीक आंकड़े अब तक स्पष्ट नहीं हुए हैं. 

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बिहार में लोग घरों से बाहर निकले, नुकसान की कोई रिपोर्ट नहीं

भूकंप के झटके बिहार के कई इलाकों में भी महसूस किए गए, जहां लोग डर के कारण अपने घरों से बाहर निकल आए. हालांकि, अब तक किसी भी प्रकार की संपत्ति के नुकसान या जनहानि की सूचना नहीं मिली है. नेपाल और बिहार के लोग सोशल मीडिया पर इस घटना की चर्चा कर रहे हैं.  

भूकंपीय क्षेत्र में है नेपाल: बार-बार आने वाले झटकों का कारण  

नेपाल भारतीय और यूरेशियन टेक्टोनिक प्लेटों के संधि क्षेत्र में स्थित है, जो इसे एक भूकंपीय सक्रिय क्षेत्र बनाता है. यह भूवैज्ञानिक सेटिंग हिमालय पर्वत श्रृंखला के निर्माण के लिए जिम्मेदार है और इसी कारण यहां बार-बार भूकंप आते हैं.  

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नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी की रिपोर्ट 

नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी (एनसीएस) के अनुसार, यह भूकंप सुबह 6:35 बजे (IST) दर्ज किया गया. इसका केंद्र 28.86° उत्तरी अक्षांश और 87.51° पूर्वी देशांतर पर, 10 किलोमीटर की गहराई में स्थित था. यह स्थान तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र में, नेपाल की सीमा के पास है. 

भूकंप की जानकारी ने बढ़ाई जागरूकता  

यह घटना न केवल प्रभावित क्षेत्रों के लिए चेतावनी है, बल्कि यह भूकंपीय सक्रियता के प्रति जागरूकता भी बढ़ाती है. विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को भूकंप से बचाव के उपायों के बारे में शिक्षित होना चाहिए. इस प्राकृतिक आपदा ने फिर से यह याद दिलाया कि इस क्षेत्र में सावधानी और सतर्कता बेहद जरूरी है. भूकंप जैसी आपदाओं को गंभीरता से लेते हुए, हमें हमेशा सतर्क रहना चाहिए.

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