वर्ष 2000 में Google के पूर्व प्रबंध निदेशक (former Google Managing Director) परमिंदर सिंह (Parminder Singh) को Apple में काम करने के दौरान एक मार्केटिंग दिग्गज से संपर्क करने का सौभाग्य मिला. इस मुलाकात ने न केवल उन पर एक अमिट छाप छोड़ी बल्कि सफलता के सही माप के बारे में एक अमूल्य सबक भी दिया.
कहानी की शुरुआत Google के पूर्व एमडी से होती है, जो Apple टीम का हिस्सा होने को लेकर अत्यधिक गर्व की भावना से भरा हुआ था. हालांकि, उसके भीतर शर्मिंदगी का एक संकेत भी मंडरा रहा था. यह भावना इस तथ्य से उपजी थी कि, अपनी प्रतिष्ठित स्थिति के बावजूद, उन्होंने एक व्यापार केंद्र में स्थित एक मामूली 10x10 केबिन में काम किया. उन्हें अक्सर डर रहता था कि अगर कोई उनके कार्यालय में आना चाहेगा, तो यह सही नहीं होगा, क्योंकि एप्पल सिर्फ एक उभरती हुई कंपनी थी और उसके पास वह भव्यता नहीं थी जो दुनिया अब देखती है.
इसी दौरान उनकी मुलाकात मार्केटिंग पावरहाउस शुनु सेन से हुई, जो पहले यूनिलीवर इंडिया के मार्केटिंग डायरेक्टर के रूप में बेस्ट परफॉर्मेंस दे चुके थे. शूनु अपनी खुद की कंपनी, क्वाड्रा एडवाइजरी स्थापित करने की प्रक्रिया में था. ऐप्पल उत्पादों के लिए स्पष्ट प्राथमिकता के साथ, वह पूर्व-Google एमडी के पास पहुंचे और अपने नए उद्यम के लिए विशेष रूप से मैक का उपयोग करने में रुचि व्यक्त की.
सिंह ने कैप्शन में लिखा, उन्होंने फोन पर कहा, ''मुझसे आकर मिलें. मुझे अपनी कंपनी के लिए केवल मैक चाहिए'.
उनकी प्रारंभिक मुलाकात के दौरान, संगीत में उनकी रुचि के कारण उनके बीच एक त्वरित संबंध बन गया. पूर्व-Google एमडी के ज्ञान और अनुकूलता से प्रभावित होकर, शुनु ने अपनी कंपनी के लिए iMacs और iBooks का ऑर्डर देने में कोई समय बर्बाद नहीं किया. इससे उनका पेशेवर रिश्ता और भी मजबूत हुआ.
महीनों बाद, सिंह को नवीनतम iMac लॉन्च में मुख्य भाषण देने के लिए शुनु को आमंत्रित करने का सम्मान मिला. उनकी ख़ुशी के लिए, शुनु ने निमंत्रण स्वीकार कर लिया. लेकिन, एक छोटी सी मुश्किल थी, शुनु ने हाल ही में व्हीलचेयर का उपयोग करना शुरू किया था.
जैसे ही वे होटल ली मेरिडियन के प्रवेश द्वार से इवेंट हॉल की ओर बढ़े, शुनु ने कॉफी के लिए पूर्व-गूगल एमडी के कार्यालय जाने की इच्छा व्यक्त की. यह पता नहीं था कि क्या उनके छोटे कार्यालय में व्हीलचेयर की व्यवस्था हो सकती है, पूर्व Google एमडी ने झिझकते हुए सुझाव दिया कि वे इसके बजाय बाहर मिलें. शुनु सेन ने झिझकते हुए सिंह से कहा, "ज़रूर. लेकिन कभी भी अपनी योग्यता को अपने कार्यालय के आकार या अपनी पदवी की भव्यता से मत मापिए. आपकी योग्यता आपके नियोक्ता, समाज और दुनिया के लिए आपके द्वारा बनाए गए मूल्य से मापी जाती है."
I was incredibly proud of working at Apple, and a bit embarrassed! Till I met Shunu Sen.
— Parminder Singh (@parrysingh) August 18, 2023
Let me first explain the embarrassment. Representing Apple opened access to CEOs, movie stars, top politicians, the who's who! I proudly interacted with them, but was secretly apprehensive… pic.twitter.com/Hb54Yj7Trf
492k से ज्यादा व्यूज के साथ सिंह की पोस्ट ने लोगों के दिलों को छू लिया है. शुनु सेन के बेटे ने भी उनकी पोस्ट पर कमेंट किया.
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