गूगल का जूनो को समर्पित डूडल।
नई दिल्ली:
नासा के मानवरहित अंतरिक्ष यान जूनो के सफलतापूर्वक बृहस्पति की कक्षा में प्रवेश कर जाने का जश्न सिर्फ नासा की प्रयोगशालाओं या वैज्ञानिक संस्थानों तक सीमित नहीं है। प्रमुख सर्च इंजन गूगल ने इस अभियान को दर्शाती तस्वीरें अपने डूडल में शामिल करके पूरी दुनिया को इस उपलब्धि का संदेश देने की कोशिश की है।
गूगल के डूडल में दो तस्वीरें नजर आ रही हैं। एक तस्वीर में जहां जूनो बृहस्पति की कक्षा में प्रवेश करता हुआ नजर आ रहा है, वहीं दूसरी तस्वीर में नासा के वैज्ञानिक इस उपलब्धि को अपनी स्क्रीन पर देखने के बाद खुशी से नाचते हुए दिखाई दे रहे हैं।
अगर इन तस्वीरों को देखकर कोई फौरन इसका संदेश नहीं समझ पाता है, तो भी कोई बात नहीं। इस तस्वीर पर कर्सर ले जाने पर एक छोटा सा संदेश दिखाई देता है, जो कहता है- ‘जूनो रीचेज़ ज्यूपिटर’ यानी ‘जूनो बृहस्पति पर पहुंच गया।’ नासा का यह अंतरिक्षयान सौर उर्जा से संचालित है और इसे हमारे सौरमंडल के सबसे बड़े ग्रह से जुड़े रहस्यों को सुलझाने के लिए आज से पांच साल पहले अमेरिका के फ्लोरिडा से प्रक्षेपित किया गया था।
यह बृहस्पति पर भेजा गया दूसरा अंतरिक्ष यान है। इससे पहले गैलिलियो नामक अंतरिक्ष यान इस ग्रह पर भेजा गया था। जूनो अभियान का उद्देश्य गैसों का गोला माने जाने वाले बृहस्पति से जुड़े कई गूढ़ रहस्यों को सुलझाना है। जूनो के प्रमुख लक्ष्यों में ग्रह की संरचना और इसके वातावरण का अध्ययन करना शामिल है, जिससे इस ग्रह के साथ-साथ सौरमंडल के कई अन्य ग्रहों की उत्पत्ति से जुड़े राज सुलझाने में मदद मिल सकती है। अन्य लक्ष्यों के साथ-साथ जूनो बृहस्पति के बेहद शक्तिशाली चुंबकीय क्षेत्र के अध्ययन का लक्ष्य भी लेकर गया है।
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
गूगल के डूडल में दो तस्वीरें नजर आ रही हैं। एक तस्वीर में जहां जूनो बृहस्पति की कक्षा में प्रवेश करता हुआ नजर आ रहा है, वहीं दूसरी तस्वीर में नासा के वैज्ञानिक इस उपलब्धि को अपनी स्क्रीन पर देखने के बाद खुशी से नाचते हुए दिखाई दे रहे हैं।
अगर इन तस्वीरों को देखकर कोई फौरन इसका संदेश नहीं समझ पाता है, तो भी कोई बात नहीं। इस तस्वीर पर कर्सर ले जाने पर एक छोटा सा संदेश दिखाई देता है, जो कहता है- ‘जूनो रीचेज़ ज्यूपिटर’ यानी ‘जूनो बृहस्पति पर पहुंच गया।’ नासा का यह अंतरिक्षयान सौर उर्जा से संचालित है और इसे हमारे सौरमंडल के सबसे बड़े ग्रह से जुड़े रहस्यों को सुलझाने के लिए आज से पांच साल पहले अमेरिका के फ्लोरिडा से प्रक्षेपित किया गया था।
यह बृहस्पति पर भेजा गया दूसरा अंतरिक्ष यान है। इससे पहले गैलिलियो नामक अंतरिक्ष यान इस ग्रह पर भेजा गया था। जूनो अभियान का उद्देश्य गैसों का गोला माने जाने वाले बृहस्पति से जुड़े कई गूढ़ रहस्यों को सुलझाना है। जूनो के प्रमुख लक्ष्यों में ग्रह की संरचना और इसके वातावरण का अध्ययन करना शामिल है, जिससे इस ग्रह के साथ-साथ सौरमंडल के कई अन्य ग्रहों की उत्पत्ति से जुड़े राज सुलझाने में मदद मिल सकती है। अन्य लक्ष्यों के साथ-साथ जूनो बृहस्पति के बेहद शक्तिशाली चुंबकीय क्षेत्र के अध्ययन का लक्ष्य भी लेकर गया है।
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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