पापड़ से पायसम तक : अमेरिकी हैं तो क्या, 'मद्रास डे' तो 'मद्रासियों' की तरह ही मनाएंगे...

पापड़ से पायसम तक : अमेरिकी हैं तो क्या, 'मद्रास डे' तो 'मद्रासियों' की तरह ही मनाएंगे...

नई दिल्ली:

अंग्रेज़ी की कहावत है, 'व्हाइल इन रोम, डू एज़ रोमन्स डू...', इसका शाब्दिक अर्थ है - जब आप रोम में हों, उसी तरह बर्ताव करना चाहिए, जैसा रोम के रहने वाले किया करते हैं, लेकिन आमतौर पर हिन्दी में इसी भाव के लिए जो मुहावरा इस्तेमाल किया जाता है, वह है - जैसा देस, वैसा भेस...

ठीक ऐसा ही किया, तमिलनाडु में चेन्नई स्थित अमेरिकी वाणिज्य महादूतावास (कॉन्स्यूलेट जनरल) के कुछ कर्मियों ने, जब वे शहर की स्थापना की 377वीं जयंती के मौके पर सपरिवार एक रेस्तरां में पहुंचे, और वही भोजन किया, जो शहर की पहचान माना जाता है, और सबसे दिलचस्प पहलू यह रहा कि उन्होंने भोजन किया भी बिल्कुल उसी तरह, जैसे यहां की परंपरा रही है... यानी बच्चों, बूढ़ों और जवानों - अमेरिकी परिवार के सभी लोगों ने केले के पत्तों पर सजे व्यंजनों को छुरी-कांटों या चम्मचों की मदद से नहीं, हाथों से ही खाया, जिस तरह 'मद्रास' के लोग खाया करते हैं...

दरअसल, वर्ष 1639 में 22 अगस्त को बसाया गया मद्रास शहर आज भी इसी तारीख को हर साल जश्न मनाता है, और भले ही शहर का नाम कुछ साल पहले बदलकर चेन्नई कर दिया गया, लेकिन यह दिन अब भी मद्रास डे (#MadrasDay) के नाम से मनाया जाता है...

चेन्नई स्थित अमेरिकी कॉन्स्यूलेट जनरल द्वारा अपने फेसबुक पेज पर एक वीडियो अपलोड किया गया है, जिसका शीर्षक है 'फीलिंग द एवरीडे रिदम ऑफ मद्रास लाइफ' (Feeling the everyday rhythm of Madras life), और इसमें काशीविनायक मेस में 'मद्रासी तरीके' से 'मद्रासी भोजन' करने की खुशी सभी अमेरिकियों के चेहरों पर साफ दिख रही है... वीडियो के दौरान खाना खाते समय वे लोग कहते भी हैं - "हमें यहां रोज़ आना चाहिए..."

यह वीडियो सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट फेसबुक पर जोरदार तरीके से वायरल हो रहा है, और 21 अगस्त को पोस्ट किए जाने के बाद से इस समाचार के लिखे जाने तक इसे 22 लाख से ज़्यादा बार देखा जा चुका है, जबकि लगभग 68,000 बार इसे शेयर किया गया है...

सो आइए, आप भी देखिए इस वीडियो को, और आनंद लीजिए...
 

 
 

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