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This Article is From Nov 19, 2021

भले ही संजीव देख नहीं सकते, मगर 17000 फ़ीट के पर्वत शिखर पर पहुंचकर दुनिया को दिखा दिया

कहते हैं कि इंसान चाह ले तो कुछ भी कर सकता है. कल्पना को हक़ीकत में बदल सकता है. आसमान में सुराख़ कर सकता है, स्वर्ग के लिए सीढ़ी बना सकता है. दरअसल, आज हम आपको जो स्टोरी बताने जा रहे हैं, वो बेहद ख़ास और बेहतरीन है.

भले ही संजीव देख नहीं सकते, मगर 17000 फ़ीट के पर्वत शिखर पर पहुंचकर दुनिया को दिखा दिया

कहते हैं कि इंसान चाह ले तो कुछ भी कर सकता है. कल्पना को हक़ीकत में बदल सकता है. आसमान में सुराख़ कर सकता है, स्वर्ग के लिए सीढ़ी बना सकता है. दरअसल, आझ हम आपको जो स्टोरी बताने जा रहे हैं, वो बेहद ख़ास और बेहतरीन है. संजीव गोहिल नाम के एक शख्स ने 17346 फ़ीट के माउंट फ्रेंडशिप की चढ़ाई पूरी कर ली है. आप भी कहेंगे कि इसमें कौन सी बड़ी बात है. बिल्कुल आप सही सोच रहे हैं, मगर संजीव देख नहीं सकते हैं. ऐसे में ये बहुत बड़ी बात है. आइए पूरी ख़बर को विस्तार से समझते हैं.

समाचार एजेंसी ANI की रिपोर्ट के अनुसार, दृष्टिहीन संजीव गोहिल ने 17346 फ़ीट के माउंट फ़्रेडशिप (Mount Friendship) की चढ़ाई पूरी की. ऐसा करने वाले वो पहले शख़्स हैं. गोहिल डिपार्टिमेंट ऑफ़ पोस्ट में बतौर पोस्टल असिस्टेंट काम करते हैं . उन्हें बचपन से ही पहाड़ों और पर्वतों से लगाव है. पिछले 25 साल से इसी काम में वो जुड़े हैं. ऐसे में ये उपलब्धि उनके लिए बहुत बड़ी बात है.

जानकारी के मुताबिक, 2001 में गोहिल को Pigmentosa हो गया, ये एक प्रोग्रेसिव विज़न डिसॉर्डर है. मेडिकली 100 प्रतिशत दृष्टिहीन हैं संजीव गोहिल. अपनी उपलब्धि के बारे में संजय ने बताया कि "मैं अपने दोस्त पुष्पक के साथ हिमालय की माउंट फ़्रेंडिशप चोटी को फतह किया. ये 5 दिन का अभियान था जो सोलंग से शुरु हुआ. यात्रा ख़तरनाक थी लेकिन मुझे बहुत मज़ा आया. गुजरात में मैं 4-5 घंटे की ट्रेकिंग करता था."

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