बैंक ने 5 पैसे वसूलने के लिए करीब 23 रुपए खर्च कर दिए....
मैसूर:
क्रेडिट कार्ड बंद करने के लिए एक शख्स को पांच पैसे का चेक काटना पड़ा और इसकी प्रोसेसिंग पर बैंक ने करीब 23 रुपए खर्च कर दिए. मैसूर में यह मामला सामने आया है. मैसूर के स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की विजयनगर ब्रांच में एस. सतीश का अकाउंट में था. पांच साल पहले उन्होंने 25 हजार रुपए जमा करके एक क्रेडिट कार्ड लिया था. अब सतीश अपना डिपॉजिट वापस निकालकर क्रेडिट कार्ड सेवा को बंद करना चाहते थे.
उन्होंने कस्टमर केयर को फोन किया तो उन्हें बताया गया कि कार्ड बंद कराने से पहले बकाया चुकाना होगा. कस्टमर केयर ने उन्हें बताया गया कि उन पर पांच पैसे का उधार बाकी है. इसे चुकाए बिना उन्हें उनका जमा किया हुआ पैसा नहीं मिल पाएगा.
जब सतीश ने पूछा कि अब तो 5 पैसे का सिक्का चलन में नहीं है, तो फिर यह भुगतान कैसे चुकाया जा सकता है. इस पांच पैसे के चक्कर में उनके 25 हजार बैंक में अटके थे. इस पर कस्टमर केयर स्टाफ ने उन्हें चेक से भुगतान करने की सलाह दी. इसके बाद सतीश ने 18 मार्च को 5 पैसे का चेक जमा किया. इसके बाद ही उनकी क्रेडिट कार्ड सर्विस को बंद किया गया.
इस पर प्रोसेसिंग फीस 3 रुपए लगी, जो बकाया से ज्यादा थी. बैंककर्मियों का कहना है 'कस्टमर एटीएम स्वाइप करके या इंटरनल मनी ट्रांसफर से राशि दे सकते थे. पर ये कस्टमर बैलेंस को लेकर गंभीर हैं. समस्या यह भी थी कि बैंक किसी भी रूप में पेमेंट अस्वीकार नहीं कर सकते हैं. कस्टमर के पास नॉन सीटीएस चेक था, उसी से पेमेंट किया गया.'
बैंकिंग जगत से जुड़े जानकारों का मानना है कि एक चेक की क्लियरिंग प्रोसेसिंग में करीब 23 रुपए का खर्च आता है. इस मामले में महज पांच पैसे के बकाया के लिए बैंक के करीब 23 रुपए और कस्टमर के तीन रुपए खर्च हो गए.
उन्होंने कस्टमर केयर को फोन किया तो उन्हें बताया गया कि कार्ड बंद कराने से पहले बकाया चुकाना होगा. कस्टमर केयर ने उन्हें बताया गया कि उन पर पांच पैसे का उधार बाकी है. इसे चुकाए बिना उन्हें उनका जमा किया हुआ पैसा नहीं मिल पाएगा.
जब सतीश ने पूछा कि अब तो 5 पैसे का सिक्का चलन में नहीं है, तो फिर यह भुगतान कैसे चुकाया जा सकता है. इस पांच पैसे के चक्कर में उनके 25 हजार बैंक में अटके थे. इस पर कस्टमर केयर स्टाफ ने उन्हें चेक से भुगतान करने की सलाह दी. इसके बाद सतीश ने 18 मार्च को 5 पैसे का चेक जमा किया. इसके बाद ही उनकी क्रेडिट कार्ड सर्विस को बंद किया गया.
इस पर प्रोसेसिंग फीस 3 रुपए लगी, जो बकाया से ज्यादा थी. बैंककर्मियों का कहना है 'कस्टमर एटीएम स्वाइप करके या इंटरनल मनी ट्रांसफर से राशि दे सकते थे. पर ये कस्टमर बैलेंस को लेकर गंभीर हैं. समस्या यह भी थी कि बैंक किसी भी रूप में पेमेंट अस्वीकार नहीं कर सकते हैं. कस्टमर के पास नॉन सीटीएस चेक था, उसी से पेमेंट किया गया.'
बैंकिंग जगत से जुड़े जानकारों का मानना है कि एक चेक की क्लियरिंग प्रोसेसिंग में करीब 23 रुपए का खर्च आता है. इस मामले में महज पांच पैसे के बकाया के लिए बैंक के करीब 23 रुपए और कस्टमर के तीन रुपए खर्च हो गए.
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