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जू के इस टाइगर को देख हक्के-बक्के रह गए टूरिस्ट, बोले- ये क्या बला है

एक जू का कारनामा देखकर आप भी हक्के-बक्के रह जाएंगे. इन दिनों सोशल मीडिया पर इस जू का एक टाइगर चर्चा का विषय बना हुआ है, जिसे देखने के बाद आप भी यही कहेंगे....कौन से गोला से आया है.

जू के इस टाइगर को देख हक्के-बक्के रह गए टूरिस्ट, बोले- ये क्या बला है
चीनी चिड़ियाघर का अजीबोगरीब स्टंट, कुत्तों को टाइगर बनाने की कोशिश

Ridiculous stunt by a Chinese zoo: चीन के एक चिड़ियाघर (Chinese zoo) ने पर्यटकों को ध्यान खींचने के लिए एक बेहद अजीबोगरीब तरीका अपनाया है. ताइज़हौ, जिआंगसु प्रांत स्थित इस चिड़ियाघर ने अपने दो चाउ चाउ (Chow Chow) नस्ल के कुत्तों (dog) को नारंगी और काले रंग से रंगकर बाघ (tiger) बनाने की कोशिश की. जब इस अतरंगी स्टंट का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, तो यूज़र्स ने चिड़ियाघर की जमकर आलोचना की.  

"हमारे बाघ बहुत बड़े और खतरनाक हैं"  

यह वीडियो चीनी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म Douyin (TikTok का चीनी वर्जन) पर लाइव स्ट्रीम किया गया था, जिसमें चिड़ियाघर ने दावा किया कि उनके बाघ बहुत बड़े और डरावने हैं, लेकिन वीडियो में दिख रहे "बाघ" असल में रंगे हुए कुत्ते निकले. जैसे ही लोगों ने इस धोखे को पहचाना, सोशल मीडिया पर आलोचना की बाढ़ आ गई. 

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"टाइगर डॉग" बनाने की सफाई

विवाद बढ़ने के बाद, चिड़ियाघर ने लोकल मीडिया से बात करते हुए स्वीकार किया कि यह महज एक "मार्केटिंग ट्रिक" थी. उन्होंने कहा कि इससे कुत्तों की सेहत पर कोई असर नहीं पड़ा और यह सिर्फ लोगों को आकर्षित करने के लिए किया गया था. चिड़ियाघर ने सफाई दी कि, "यह एक देशी चाउ चाउ था, जिसे 'टाइगर डॉग' में बदला गया था, असली बाघ नहीं है." 

पहले भी पांडा कुत्ते बना चुका है ये चिड़ियाघर 

यह पहली बार नहीं है जब इस चिड़ियाघर ने इस तरह की हरकत की हो. पिछले साल, इसी चिड़ियाघर ने चाउ चाउ कुत्तों (Chow Chow dogs) को काले और सफेद रंग में रंगकर उन्हें "पांडा डॉग" (Xiong Mao Quan) के रूप में पेश किया था. उन्होंने इस आकर्षण को मई दिवस अवकाश (May Day Holiday) के दौरान प्रमोट किया था ताकि अधिक संख्या में पर्यटक आएं.

यहां देखें पोस्ट

यूज़र्स ने इस बार के स्टंट पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा, "पहले भी यह पांडा के साथ हुआ था, अब बाघ के साथ, आखिर वे कब सीखेंगे?" एक अन्य यूजर ने लिखा,"इतने सारे चिड़ियाघर चाउ चाउ को पांडा या बाघ बना रहे हैं. यह धोखा बंद होना चाहिए." दूसरे यूजर ने लिखा, "पर्यटकों ने अपना पैसा वापस मांगा क्योंकि उन्हें असली जानवर देखने की उम्मीद थी."  

क्या कुत्तों को रंगना सही है?  

चिड़ियाघर के इस कदम को कई लोगों ने अनैतिक और गैर-जिम्मेदाराना बताया. जब उनसे पूछा गया कि उन्होंने ऐसा क्यों किया, तो उन्होंने सफाई देते हुए कहा, "चूंकि हमारे पास असली पांडा नहीं हैं, इसलिए हमने यह किया." चिड़ियाघर का कहना था कि "लोग भी अपने बाल रंगते हैं और अगर कुत्तों के लंबे बाल हों तो उन पर प्राकृतिक रंगों का उपयोग किया जा सकता है." हालांकि, पशु प्रेमी इस तर्क से सहमत नहीं हैं और इसे जानवरों के साथ अन्याय मान रहे हैं. 

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क्या कहती है जनता?

यह मामला चीन ही नहीं, दुनियाभर में चर्चा का विषय बन गया है. लोगों का कहना है कि चिड़ियाघरों को जानवरों के प्रति संवेदनशील होना चाहिए और इस तरह की भ्रामक चालों से बचना चाहिए.

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